- लीड्स में खेले गए सीरीज के तीसरे टेस्ट में भारत को मिली पारी और 76 रन के अंतर से मात
- इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में अबतक विराट ने बनाए हैं 24.80 की औसत से 124 रन
- ली़ड्स टेस्ट के बाद पांच मैच की सीरीज हो गई है 1-1 से बराबर
नई दिल्ली: नब्बे के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम को कई बार गहर जख्म देने वाले पाकिस्तानी तेज गेंदबाज अकीब जावेद ने लीड्स टेस्ट में टीम इंडिया की करारी हार के बाद कठघरे में खड़ा किया है। अकीब जावेद ने विराट को एक ठेठ(टिपिकल) एशियाई बल्लेबाज करार देते हुए उनकी बैटिंग की कमजोर बताई है।
इंग्लैंड दौरे पर 24 के औसत से बना रहे हैं रन
विराट कोहली का इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में प्रदर्शन औसत रहा है। अबतक खेले सीरीज के तीन टेस्ट मैच की 6 पारियों में 24.80 के औसत से 124 रन बनाए हैं। ऑफ स्टंप से बाहर की ओर जा रही गेंदें एक बार फिर उनकी कमजोरी साबित हुई हैं और वो इसका तोड़ नहीं ढूंढ पाए हैं। जेम्स एंडरसन उनके सामने लगातार परेशानी खड़ी कर रहे हैं।
ठेठ एशियाई बल्लेबाज हैं विराट, स्विंग के खिलाफ बल्लेबाजी है कमजोरी
अकीब जावेद ने आउटस्विंग गेंदों को विराट की कमजोरी बताते हुए उन्हें ठेठ एशियाई बल्लेबाज करार दिया। उन्होंने कहा, भारतीय कप्तान उन सभी जगहों पर बैटिंग के दौरान संघर्ष करते दिखते हैं जहां गेंद सीम और स्विंग होती है। जावेद ने कहा, ऑस्ट्रेलिया में विराट कोहली को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में रन बनाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहा है।
उन्होंने कहा, विराट एक ठेठ एशियाई खिलाड़ी हैं। वो ऑस्ट्रेलिया में सफल हो सकते हैं लेकिन इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका या कहीं और जहां गेंद स्विंग और सीम होती है वहां वो गेंद का पीछा करते हैं क्योंकि नियंत्रित आउटस्विंग के खिलाफ बल्लेबाजी करना उनका कमजोर पक्ष है।
स्विंग के खिलाफ विराट से बेहतर हैं रूट
वहीं मौजूदा सीरीज में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और अबतक खेले सीरीज के तीन टेस्ट मैच में तीन शतक सहित कुल 507 रन बना चुके हैं। सीरीज के दौरान उनका बल्लेबाजी औसत 126.75 का रहा है। ऐसे में अकीब जावेद ने कहा, जो रूट की तकनीक सीमिंग कंडीशन्स में विराट कोहली से बेहतर है। ऐसी परिस्थितियों में उनकी तकनीकी दृढ़ता उन्हें विराट की तुलना में बेहतर बनाती है। रूट अच्छी तरह जानते हैं कि गेंद को लेट कैसे खेला जाता है।
अकीब जावेद ने आगे कहा, क्रिकेट का पारिस्थितक तंत्र की एक खिलाड़ी के विकास में अहम भूमिका होती है। इंग्लैंड में सीजन की शुरुआत में गेंद लगातार स्विंग होती है लेकिन सीजन के अंत में गेंद स्पिन भी होने लगती है। ऐसे में खिलाड़ी मुश्किल परिस्थितियों में खेलना सीख जाते हैं।