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21,936 रन और 1417 विकेट वाला वो खिलाड़ी, जिसने शतक का ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो 50 साल से नहीं टूटा

Updated Mar 05, 2021 | 07:00 IST

Mike Proctor Record, Cricket Throwback today 5th March: आज के दिन 1971 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी माइक प्रॉक्टर ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया था जो 50 साल से नहीं टूटा।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
5 मार्च का क्रिकेट इतिहास (Representative image)
मुख्य बातें
  • माइक प्रॉक्टर का बेहतरीन करियर
  • दक्षिण अफ्रीका के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर हैं माइक प्रॉक्टर
  • आज के दिन एक ऐसे रिकॉर्ड की बराबरी की जो 50 साल से कोई नहीं बना पाया

नई दिल्लीः आज क्रिकेट जगत में वो पारी खेली गई थी जिसने एक ऐसे रिकॉर्ड की बराबरी की जो विशाल था। उस दिन के बाद से 50 साल बीत गए लेकिन कोई ना उस रिकॉर्ड की बराबरी कर सका और ना ही उसे तोड़ सका। ठीक 50 साल पहले 1971 में आज ही के दिन (5 मार्च) दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर माइक प्रॉक्टर ने वो कमाल किया था जिसे उनसे पहले सिर्फ दो दिग्गजों ने किया था।

माइक प्रॉक्टर ने 1971 में आज ही के दिन लगातार छठा प्रथम श्रेणी क्रिकेट शतक जड़ा था। लगातार छह सेंचुरी जड़ने का वो रिकॉर्ड उससे पहले सिर्फ महान सीबी फ्राई और ऑस्ट्रेलिया के महान पूर्व क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन के नाम दर्ज था। माइक प्रॉक्टर ने वेस्टर्न प्रोविंस के खिलाफ खेलते हुए रोडेसिया की तरफ से लगातार छठा शतक जड़ा। उसके बाद से अब तक कोई वो कमाल दोहरा नहीं सका है।

कौन थे माइक प्रॉक्टर, कमाल का था प्रथम श्रेणी करियर

दक्षिण अफ्रीका के डरबन में जन्मे माइक प्रॉक्टर रोडेशिया की तरफ से खेलते हुए क्रिकेट स्टार बने। फिर 1967 में दक्षिण अफ्रीकी टीम में जगह हासिल की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सिर्फ तीन साल तक खेला जिस दौरान उन्होंने 7 टेस्ट मैचों में 226 रन बनाए और 41 विकेट लिए। लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड बेमिसाल था।

प्रॉक्टर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 401 मैच खेले जिस दौरान उनके बल्ले से 21936 रन निकले। उन्होंने इस दौरान 48 शतक और 109 अर्धशतक जड़ने के अलावा 1417 विकेट भी लिए।

अब क्या कर रहे हैं प्रॉक्टर?

आज माइक प्रॉक्टर 74 साल के हैं। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम को कोचिंग भी दी। बाद में वो आईसीसी के एलीट मैच रेफरी पैनल के सदस्य बने लेकिन मैच रेफरी के रूप में वो कई बार विवादों में रहे।

सिडनी में 2007-08 के भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच के दौरान वही मैच रेफरी थे जिन्होंने मैदान पर हुए एंड्रयू साइमंड्स के साथ हुए विवाद के बाद भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह पर प्रतिबंध लगाया था। साल 2008 में उन्होंने मैच रेफरी पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट की चयन प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाने लगे थे।

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