- ग्राहम डाउलिंग का जन्मदिन - 4 मार्च 1937
- न्यूजीलैंड के शानदार बल्लेबाज थे डाउलिंग, भारत के खिलाफ खूब मचाया धमाल
- उंगली में लगी चोट और पीठ का दर्द..करियर हुआ खत्म
कुछ क्रिकेटर ऐसे रहे हैं जिन्हें किसी एक देश के खिलाफ बल्लेबाजी करने में बहुत आनंद आता है। ऐसे ही एक खिलाड़ी थे न्यूजीलैंड के ग्राहम डाउलिंग (Graham Dowling), जिनका आज जन्मदिन है। क्राइस्टचर्च (न्यूजीलैंड) में 4 मार्च 1937 को जन्मे ग्राहम डाउलिंग को भारत के खिलाफ बैटिंग करने में बहुत मजा आता था, शायद यही वजह थी कि भारत के खिलाफ उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। लेकिन इस उभरते हुए बेहतरीन बल्लेबाज के करियर का बहुत दुखद अंत हुआ था।
ग्राहम डाउलिंग ने न्यूजीलैंड के प्रतिष्ठित क्रिकेट क्लब कैंटरबरी की तरफ से खेलना शुरू किया और वहां के वो कप्तान भी बने। उन्होंने चार सालों तक इस टीम की कप्तानी की। इसके बाद जब वो 1961 में राष्ट्रीय टीम में आए तो आते ही अपनी छाप छोड़ दी और 1968 से 1972 के बीच लगातार 19 टेस्ट मैचों में न्यूजीलैंड की कप्तानी भी की।
भारत के खिलाफ बेहतरीन रिकॉर्ड
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम की भारत, पाकिस्तान और वेस्टइंडीज पर पहली टेस्ट जीत के समय ग्राहम डाउलिंग ही कप्तान थे। लेकिन जिस एक टीम के खिलाफ खेलने में उनको सबसे ज्यादा आनंद आता था वो भारत ही था, उनके आंकड़े इस बात के गवाह हैं। डाउलिंग ने अपने टेस्ट करियर में दो शतक और एक दोहरा शतक जड़ा और ये तीनों मौके भारत के खिलाफ ही आए।
सबसे पहले उन्होंने 1965 में मुंबई टेस्ट में भारत के खिलाफ 129 रनों की पारी खेली। फिर 1968 में डुनेडिन में खेले गए टेस्ट में उन्होंने भारत के खिलाफ 143 रनों की पारी खेली। उसके बाद क्राइस्टचर्च टेस्ट में डाउलिंग ने 556 मिनट बल्लेबाजी करते हुए 239 रनों की पारी खेली, उस मैच में न्यूजीलैंड जीता और ये भारत के खिलाफ कीवी टीम की पहली टेस्ट जीत साबित हुई, ये कप्तान के रूप में डाउलिंग का पहला मैच भी था।
मैच में गंवाई उंगली, बाद में पीठ ने दिया धोखा
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1970 में मैच खेलते हुए डाउलिंग के बाएं हाथ की बीच वाली उंगली टूट गई जिसे बाद में डॉक्टरों को काटकर हटाना पड़ा था। उससे उनकी बल्लेबाजी पर असर पड़ा। जबकि अगले ही साल वेस्टइंडीज दौरे पर उनकी पीठ में चोट लग गई और उनको अचानक घर लौटना पड़ा। उसके बाद वो कभी दोबारा क्रिकेट नहीं खेल सके।
ग्राहम डाउलिंग ने 39 टेस्ट मैचों में तीन शतक और 11 अर्धशतक जड़ते हुए 2306 रन बनाए। जबकि 159 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में उन्होंने 9399 रन बनाए जिस दौरान उनके बल्ले से 16 शतक और 44 अर्धशतक निकले।
वो बाद में न्यूजीलैंड क्रिकेट के सीईओ बने और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने उनको मैच रेफरी भी बनाया। अब वो एक रिटायर्ड जिंदगी जी रहे हैं। डाउलिंग आज 84 साल के हो गए हैं।