- हैदराबाद में जन्में मोहम्मद सिराज ने गाबा टेस्ट में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई की
- 26 साल के मोहम्मद सिराज ने बॉक्सिंग डे टेस्ट में डेब्यू किया
- मोहम्मद सिराज ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3 मैचों में 13 विकेट चटकाए
गाबा: मोहम्मद सिराज इस समय के हीरो हैं। ऑस्ट्रेलिया में अपनी डेब्यू टेस्ट सीरीज में धमाल मचाने के कारण युवा तेज गेंदबाज को दुनियाभर से तारीफ मिल रही है। इस दौरे पर सिराज ने कई निजी रिकॉर्ड्स भी बनाए। हैदराबाद में सिराज की मां, भाई और दोस्त नम आंखों के साथ भारतीय टीम की हौसला अफजाई कर रहे थे। भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से मात दी। सिराज ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में कमाल का प्रदर्शन करते हुए एक पारी में पांच विकेट लेने का कमाल किया।
मोहम्मद सिराज गाबा में एक पारी में पांच विकेट लेने वाले पांचवें भारतीय गेंदबाज बने। वह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज भी बने। सिराज ने तीन मैचों में 13 विकेट चटकाए और ऑस्ट्रेलिया को बुरे दिन दिखाए। मोहम्मद सिराज ने काफी लंबा रास्ता तय कर लिया है। कुछ सालों पहले वह हैदराबाद के फर्स्ट लांसर क्षेत्र की स्थानीय ईदगाह मैदान पर नंगे पैर गेंदबाजी करते थे।
सिराज ने भावनाओं से ऊपर उठकर की देशसेवा
मोहम्मद सिराज मार्च में 27 साल के हो जाएंगे। उनका ताल्लुक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से रहा। सिराज के पिता मोहम्मद गाउस ऑटो-रिक्शा चलाते थे जबकि मां घर में काम करती थीं। सिराज के बड़े भाई इस्माइल समय-समय पर अपने पिता की मदद करते थे। सिराज जब नवंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे, तब उनके पिता का इंतकाल हो गया। तेज गेंदबाज ने भावनाओं से ऊपर उठकर देशसेवा का ध्यान रखते हुए ऑस्ट्रेलिया में ही रूकने का फैसला किया।
सिराज ने तब बीसीसीआई से कहा था, 'मेरे पिता वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा समर्थन किया। मेरे लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है। वो चाहते थे कि मैं भारत के लिए लगातार खेलूं और देश का नाम रोशन करूं। मैं बस अपने पिता का सपना पूरा करना चाहता हूं।' इस बात पर सिराज के भाई इस्माइल भी सहमत दिखे। उन्होंने कहा, 'हमारे पिता टेस्ट क्रिकेट के बड़े प्रशंसक रहे हैं। वह सिराज को कहते थे कि क्रिकेट तो टेस्ट मैच है। वह सिराज को टेस्ट क्रिकेट के लिए प्रोत्साहित करते थे क्योंकि वह वनडे या टी20 के बड़े प्रशंसक नहीं थे।' इस्माइल अब अपने भाई के मैनेजर हैं।
दोस्तों ने बड़ी भूमिका निभाई
1994 में जन्में सिराज का परिवार हैदराबाद के फ्री लांसर क्षेत्र में किराए से रहता था। सिराज को कभी फॉर्मल क्रिकेट कोचिंग नहीं मिली। वो अपने घर के पास बने छोटे मैदान पर कैनवास गेंद से अभ्यास करते थे। सिराज का जब 2017 में टी20 टीम में चयन हुआ तब उन्होंने परिवार को घर खरीदकर दिया और सुनिश्चित किया कि अब उनके पिता को ऑटो-रिक्शा नहीं चलाना पड़े। सिराज की जिंदगी में दोस्तों ने बड़ी भूमिका निभाई क्योंकि पेशेवर रूप से उनका मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था।
सिराज के बचपन के दोस्त अमजद खान ने कहा, 'सिराज पहले बहुत बल्लेबाजी करता था और वो बल्लेबाज बनना चाहता था। हम टेनिस गेंद से खेलते थे और कई स्थानीय टूर्नामेंट खेले। मगर बाद में उसे गेंदबाजी में मजा आने लगा और उसकी उपलब्धियां हमें गौरवान्वित करती हैं। हम उन्हें हैदराबाद में लीग टूर्नामेंट पर ध्यान देने और हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करते थे। उसने कई क्रिकेट क्लब के लिए खेलना शुरू किया और इससे उसकी शैली चमकी।'
मोहम्मद सिराज ने 2015-16 रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया और बाद में विजय हजारे ट्रॉफी खेली। उन्होंने हैदराबाद की अंडर-23 टीम के लिए भी खेला। आईपीएल में सिराज ने पहले सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्व किया और अब रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हैं।