- टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को चौथे टेस्ट में 3 विकेट से मात दी
- टीम इंडिया ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से अपने नाम की
- अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व में भारतीय टीम ने गाबा पर इतिहास रचा
गाबा: टीम इंडिया ने सारी बाधाओं से ऊपर उठकर गाबा में न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया का घमंड तोड़ा बल्कि लंबे समय तक याद रखने वाली क्रिकेट फैंस को एक नायाब जीत भी दी। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चोटिल खिलाड़ियों की चिंता, नस्लवाद टिप्पणी, स्लेजिंग और न जाने क्या-क्या सहते हुए टीम इंडिया गाबा में टेस्ट खेलने पहुंची थी। मगर अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व में इस टीम ने नई मिसाल कायम की और गाबा में पहली जीत दर्ज करते हुए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से अपने नाम की।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन में पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और उसकी पहली पारी 369 रन पर ऑलआउट हुई। जवाब में टीम इंडिया की पहली पारी 336 रन पर ऑलआउट हुई। मेजबान टीम को पहली पारी के आधार पर 33 रन की बढ़त मिली। इसके बाद स्टीव स्मिथ (55) की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 294 रन पर ऑलआउट हुई। फिर भारत ने आखिरी दिन 97 ओवर में 7 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल करके इतिहास रच दिया। चलिए आपको बताते हैं इतिहास की नई इबारत लिखने वाले इस टेस्ट मैच में टीम इंडिया की जीत के 5 हीरो कौन रहे।
भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत के 5 हीरो
- वॉशिंगटन सुंदर - 21 साल के युवा ऑलराउंडर को गाबा में डेब्यू का मौका मिला। मगर इन्होंने पहले ही टेस्ट में बहुत प्रभावित किया। सुंदर ने मैच में कुल चार विकेट झटके और पहली पारी में उनकी बल्लेबाजी को भला कोई क्रिकेट फैन कैसे भूल सकता है। टीम इंडिया ने पहली पारी में 186/6 विकेट गंवा दिए थे। तब सुंदर (62) ने शार्दुल ठाकुर के साथ शतकीय साझेदारी करके टीम को 300 रन के पार लगाया था। इसके बाद दूसरी पारी में सुंदर ने रिषभ पंत के साथ 53 रन की साझेदारी करके भारत को जीत के करीब पहुंचाया। अपने डेब्यू में परिपक्वता दिखाने वाले सुंदर इस मैच के सबसे बड़े हीरो साबित हुए।
- शार्दुल ठाकुर - मुंबई के क्रिकेटर ने मिले मौकों को दोनों हाथों से लपका। ठाकुर ने भी मैच में ऑलराउंड प्रदर्शन किया। उन्होंने मैच में कुल 7 (पहली पारी में तीन और दूसरी पारी में चार) विकेट झटके। इसके अलावा पहली पारी में वह टीम इंडिया के संकटमोचक भी बने। ठाकुर ने छक्के के साथ अपने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक पूरा किया था। उन्होंने पहली पारी में 67 रन बनाए और टीम इंडिया को मुश्किल स्थिति से उबारा था। इसके बाद दूसरी पारी में उन्होंने गजब की गेंदबाजी की और ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया। ठाकुर के ऑलराउंड प्रदर्शन ने उन्हें इस मैच का हीरो बनाया।
- मोहम्मद सिराज - मियां भाई ने अपने पिता के सपने को पूरा किया और अपने करियर के महज तीसरे टेस्ट में एक पारी में पांच विकेट लेने का कमाल किया। मोहम्मद सिराज ने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में पांच विकेट झटके और मेजबान टीम को 294 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभाई। सिराज ने अपने डेब्यू मैच से ही कमाल का प्रदर्शन किया। वह इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट (13) लेने वाले गेंदबाज भी रहे। सिराज ने दूसरी पारी में मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, मैथ्यू वेड, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड को अपना शिकार बनाया। मोहम्मद सिराज बेशक ऐतिहासिक जीत के हीरो रहे।
- शुभमन गिल - पंजाब के युवा बल्लेबाज से क्रिकेट पंडितों को जिस प्रकार की अपेक्षा थी, शुभमन गिल उस पर पूरी तरह खरे उतरे। इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में डेब्यू के बाद से ही शुभमन गिल ने अपनी आकर्षक स्ट्रोक शैली से काफी प्रभावित किया। टीम इंडिया 328 रन के मुश्किल लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी और रोहित शर्मा जल्दी आउट हो गए थे। तब इस युवा बल्लेबाज ने अपने कंधों पर जिम्मेदारी उठाई और करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेलते हुए 91 रन बनाए। गिल ने अपनी पारी के दौरान कई आकर्षक शॉट लगाए और टीम इंडिया की जीत की नींव भी रखी। नाथन लियोन की गेंद पर स्मिथ ने पहली स्लिप में शुभमन का आसान कैच लपका। चाहे शतक चूक भी गए, लेकिन शुभमन गिल तब भी इस टेस्ट में टीम इंडिया की जीत के हीरो है।
- रिषभ पंत - सभी आलोचनाओं से ऊपर उठकर रिषभ पंत ने मैच विजयी पारी खेली और अपनी ख्याति बनाई। पंत ने नाबाद 89 रन बनाए और जोश हेजलवुड की गेंद पर विजयी चौका जमाया। सिडनी में भी पंत ने आकर्षक पारी खेलकर मुकाबला भारत के पक्ष में बनाया था, लेकिन गाबा में उन्होंने पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई। पंत ने 138 गेंदों में 9 चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 89 रन बनाए और भारत की जीत पर मुहर लगाई। पंत ने पुजारा के साथ 61 और फिर सुंदर के साथ 53 रन की उम्दा साझेदारियां की। मैच विजयी पारी खेलकर रिषभ पंत इस टेस्ट के हीरो बने।