- रविचंद्रन अश्निन लंबे से वनडे-टी20 से बाहर हैं
- उन्होंने आखिरी वनडे साल 2017 में खेला था
- उन्होंने अंतिम टी20 भी तीन साल पहले खेला
इसमें कोई शक नहीं कि स्पिनर रविचंद्रन अश्विन एक मैच-विनर खिलाड़ी हैं। उन्होंने कई मैचों में अपने दम पर मैच का रुख मोड़ा है। अश्विन ने पिछले कुछ समय से टेस्ट क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने न सिर्फ गेंद बल्कि बल्ले से भी जबरदस्त छाप छोड़ी है। हालांकि, फिर भी उन्हें भारतीय वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम से नजरअंदाज किया जा रहा है। अश्विन की हालिया फॉर्म को देखते हुए क्रिकेट विशेषज्ञ और पूर्व क्रिकेटर्स सवाल उठा रहे हैं कि स्पिनर को लिमिटेड ओवर्स की टीम से बाहर क्यों रखा गया है? बता दें कि अश्विन ने भारत के लिए अपना आखिरी वनडे और टी20 साल 2017 में खेला था।
'अश्निन का टीम में न होना दुर्भाग्यपूर्ण'
टेस्ट में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद अश्निन के वनडे और टी20 टीम में नहीं शामिल होने से पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर नाराज हैं। गंभीर का कहना है कि अश्विन एक बेहतरीन बॉलर हैं लेकिन उनका लिमिटेड ओवर्स की टीम में न होना दुर्भाग्यपूर्ण है। गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, 'एक खिलाड़ी जो 400 विकेट चटकाने के नजदीक है और जिसने पांच टेस्ट शतक जमाए हैं वो अभी भी लिमिटेड ओवर्स की योजनाओं का हिस्सा नहीं है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। वह एक क्लास प्लेयर हैं और बेहतरीन गेंदबाज हैं। उन्होंने जितना क्रिकेट खेला है और जिस तरह का उनका प्रभाव है, वो अविश्वसनीय है।
'रविचंद्रन अश्निन खेल के अच्छे छात्र हैं'
वहीं, दूसरी ओर नेहरा ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब रविचंद्रन अश्विन ने घर पर खेलते हुए इतना बड़ा प्रभाव डाला है। जब आप इस बारे में बात करते हैं कि वह कितने अलग हैं तो निश्चित रूप से उनके पास बहुत अनुभव है। घर पर खेलते वक्त इससे काफी आत्मविश्वास आता है। उसे पता है कि ये विकेट उसके लिए मददगार होने वाला हैा। उन्होंने आगे कहा कि वह खेल के अच्छे छात्र हैं। हमने हमेशा देखा है कि वह सीखना चाहते हैं। उनके साथ फिटनेस की कुछ समस्याएं थीं। हमने कोच रवि शास्त्री को यह कहते सुना कि वह अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसलिए वह लंबे स्पेल्स कर सकते हैं।