- टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा 2021
- हनुमा विहारी ने बताया क्यों इंग्लैंड में खेलना है इतना चुनौतीपूर्ण
- गेंदों के फर्क से खड़ी होती है बड़ी मुश्किल
हमेशा से इंग्लैंड उन देशों में गिना गया है जहां विदेशी टीमों को खेलने में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। भारतीय टीम के बल्लेबाज हनुमा विहारी ने बताया है कि आखिर इसकी क्या वजह है। विहारी का कहना है कि इंग्लैंड में बल्लेबाजी करना ना सिर्फ ड्यूक्स गेंद के कारण बल्कि यहां के अप्रत्याशित वातावरण के कारण चुनौतीपूर्ण है।
हनुमा विहारी ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया में कूकाबूरा सोफ्ट थी लेकिन ड्यूक्स अलग है। इसमें गेंदबाज के लिए हमेशा कुछ रहता है जो चैलेंज होता है।" आईपीएल नीलामी में उपेक्षित किए जाने के बाद हनुमा काउंटी खेलने के लिए इंग्लैंड आए थे। हालांकि, इसमें उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था और वह सिर्फ एक बार ही अर्धशतक जड़ सके थे।
हनुमा ने क्रिकइंफो से कहा, "जब मैं अप्रैल में इंग्लैंड में आया तो यहां ठंड थी। अगर आपको यह विश्वास भी हो जाए कि आप सेट हो गए तो भी आप आश्चर्य में रह जाएंगे। मुझे लगा था कि विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा है लेकिन ड्यूक्स गेंद के कारण तेजी रही।" उन्होंने कहा, "जैमी पोर्टर की गेंद ने मुझे चकमा दिया। वह अच्छी गेंद थी लेकिन उस वक्त मैं आश्चर्यचकित रह गया था।"
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में ये है बड़ा फर्क
हनुमा ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया में गार्ड लेग स्टंप्स की तरफ रहता है लेकिन इंग्लैंड में आपको लाइन में रहकर खेलना पड़ता है और ऑफ स्टंप्स को जज करना पड़ा है।" उन्होंने कहा, "मैंने मिडल स्टंप पर खेलना शुरू किया लेकिन आपको याद रखना होता है कि अगर स्टंप लाइन गेंद होती है आपको स्ट्रेट खेलना होता है।"
इस तरह के मौसम की अहम भूमिका
विहारी ने कहा, "यहां खेलना चुनौतीपूर्ण है। ओवरहेड वातावरण बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि जब मौसम सनी रहता है तो बल्लेबाजी करना असान होता है लेकिन इस वातावरण में गेंद मूव्स करती है। काउंटी में मुझे इस चुनौती का सामना करना पड़ा।" काउंटी चैंपियशिप की पहली पारी में स्टुअर्ट ब्रॉड ने हनुमा को खाता खोले बिना आउट किया था। हनुमा ने कहा, "मुझे लगा कि मैं ड्राइव कर सकता हूं लेकिन इंग्लैंड में आपको अपने शॉट चयन पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत में आप आराम से खेल सकते हैं।"