- मैदान के बाहर भारत और पाकिस्तानी क्रिकेटरों के बीच काफी अच्छी दोस्ती है
- शोएब अख्तर ने बताया कि अपने खेलने वाले दिनों में भारतीय क्रिकेटरों से उनकी अच्छी दोस्ती थी
- अख्तर ने दावा किया कि युवराज के प्रति अपना लगाव दिखाने के लिए उन्होंने भारतीय क्रिकेटर की पीठ तोड़ी थी
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले मैदान में भले ही हाईवोल्टेज वाले होते हैं, लेकिन मैदान के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी काफी अच्छे दोस्त हैं। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने एक बार फिर भारतीय क्रिकेटरों से जुड़ा एक मजेदार किस्सा साझा किया है।
बता दें कि रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले अख्तर ने बताया कि कैसे वह कुछ खिलाड़ियों को चोटिल कर चुके हैं, जिसमें भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह का नाम शामिल है।
शोएब अख्तर के प्यार दिखाने का अटपटा तरीका
अख्तर ने बताया कि दोस्ताना लहजे में एक बार पहलवानी दिखाते हुए उन्हें युवी को चोट पहुंचाई थी। बीबीसी के दूसरा पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए अख्तर ने कहा, 'मैं पहलवानी नहीं करता। यह मेरा अन्य लोगों को लगाव दिखाने का तरीका है और मैं आमतौर पर सीमा लांघ जाता हूं। जब मैं किसी को चाहता हूं तो उसे उठाकर पटक देता हूं। मैंने युवराज सिंह की पीठ तोड़ी। इससे पहले शाहिद अफरीदी को गले लगाकर उनकी पसली तोड़ दी और मैंने अब्दुल रज्जाक की हैमस्ट्रिंग ज्यादा खींच दी। यह मेरा उन्हें प्यार दर्शाने का तरीका है, जो काफी आक्रामक हो जाता है। मैं अपने जवानी के दिनों में थोड़ा पागलों जैसा था, लेकिन मुझे कभी अपनी शक्ति का एहसास नहीं हुआ।'
शोएब अख्तर ने होटल में मारने की धमकी दी थी
कुछ समय पहले भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने एक किस्सा बताया था जब शोएब ने होटल के कमरे में हरभजन और युवराज दोनों की पिटाई की थी। हरभजन ने कहा था, 'शोएब अख्तर ने एक बार मुझे धमकी दी थी कि वो मेरे कमरे में आकर मेरी पिटाई करेगा। मैंने भी कह दिया कि हां आ जाना, देख लेंगे कौन किसकी पिटाई करेगा। मगर अंदर से मैं बहुत डर गया था। वो बहुत भारी है। उसने एक बार मुझे और युवराज को कमरे में बहुत पीटा था। चूकि शोएब अख्तर तो भारी है, तो उसे पकड़ना मुश्किल था।'
इस घटना की पुष्टि करते हुए अख्तर ने कहा था, 'मेरे ख्याल से उसने कोई बड़ी शर्त रखी थी। जी हां, ये बात 2004 की है जब हम रावलपिंडी में टेस्ट मैच खेल रहे थे। मगर यह गंभीर मामला नहीं था, सब मजाक में चल रहा था। दरअसल, हम लोग ऐसे ही मजाक मस्ती में हाथ पैर का जोर लगा रहे थे और बस इतना ही था। भज्जी और युवी मेरे छोटी भाई जैसे हैं। उनकी पिटाई करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।'