- युवराज सिंह को एमएस धोनी ने बताया था कि 2019 विश्व कप के लिए उन पर ध्यान नहीं है
- युवराज सिंह ने 2019 विश्व कप के बीच में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी
- युवराज सिंह ने साथ ही कहा कि विराट कोहली ने उनका काफी साथ दिया
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने खुलासा किया है कि जब उन्होंने आखिरी बार इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की थी तो विराट कोहली का जबर्दस्त समर्थन मिला था। मगर वो एमएस धोनी थे, जिन्होंने बाएं हाथ के बल्लेबाज को जानकारी दी थी कि 2019 विश्व कप की योजनाओं में वह शामिल नहीं हैं। युवराज ने भारत के लिए आखिरी बार 2017 में वेस्टइंडीज दौरे पर मुकाबला खेला था। उसी साल जनवरी में युवराज ने आखिरी बार भारतीय टीम के लिए वनडे सीरीज में वापसी की और इंग्लैंड के खिलाफ कटक में अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली थी। युवी ने 150 रन की पारी खेली थी।
युवराज सिंह 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया का हिस्सा थे, जहां उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 53 रन की उम्दा पारी खेली थी। यह एकमात्र उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। युवी ने 2019 विश्व कप के बीच में ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
विराट ने बहुत सपोर्ट किया: युवराज
युवराज सिंह ने न्यूज18 से बातचीत में कहा, 'जब मैंने भारतीय टीम में वापसी की तो विराट कोहली ने बहुत साथ दिया। अगर वो मेरा सपोर्ट नहीं करते तो मैं वापसी नहीं कर पाता। मगर वो एमएस धोनी थे, जिन्होंने मुझे 2019 विश्व कप को लेकर साफ पिक्चर बताई थी। धोनी ने कहा था कि 2019 विश्व कप के लिए सेलेक्टर्स आप पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने मुझे असली पिक्चर दिखाई। उन्होंने मुझे स्पष्टता दिखाई।'
2019 विश्व कप में नहीं चुने जाने का मतलब था कि 2011 विश्व कप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट युवराज सिंह लगातार दूसरी बार विश्व कप के लिए नजरअंदाज किए गए। इससे पहले 2015 में युवराज सिंह खराब फॉर्म से जूझ रहे थे और विश्व कप के लिए उनका टीम इंडिया में चयन नहीं हुआ था। विश्व कप से पहले रणजी ट्रॉफी में लगातार तीन शतक जमाने के बावजूद बीसीसीआई ने उनकी अनदेखी की।
धोनी से कोई शिकायत नहीं
युवराज सिंह ने जोर देकर कहा कि उन्हें एमएस धोनी से किसी प्रकार की शिकायत नहीं है। 39 साल के युवी ने कहा, '2011 विश्व कप तक एमएस धोनी को मुझ पर बहुत भरोसा था और वह मुझे कहते थे कि मैं उनका प्रमुख खिलाड़ी हूं। मगर कैंसर के बाद जब मेरी वापसी हुई तो खेल बहुत बदल चुका था और टीम में भी बदलाव होने लगे थे। तो जहां तक 2015 विश्व कप की बात है, आप किसी चीज को बार-बार नहीं गिना सकते। वो बहुत निजी फैसला था।'
उन्होंने आगे कहा, 'तो मैं समझ सकता हूं कि एक कप्तान के रूप में आप हर बात स्पष्ट नहीं कर सकते क्योंकि अंत में आप यही देखते हैं कि देश ने कैसा प्रदर्शन किया है।'