- आज है विक्रम राठौड़ का जन्मदिन
- भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य बल्लेबाजी कोच हैं विक्रम राठौड़
- संजय बांगड़ की जगह चुने गए थे बल्लेबाजी कोच
आज के दिन भारतीय क्रिकेट टीम के उस पूर्व खिलाड़ी का जन्मदिन है, जो आज टीम इंडिया का बल्लेबाजी कोच भी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं विक्रम राठौड़ की। एक जमाना था जब घरेलू क्रिकेट में धमाल के बाद उनकी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जोर-शोर के साथ एंट्री हुई थी लेकिन इस खिलाड़ी ने वो प्रभाव नहीं छोड़ा जिसकी उनसे उम्मीद की जाती रही। हालांकि एक खिलाड़ी के तौर पर बेशक वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा दिन नहीं टिक सके लेकिन कोचिंग स्टाफ का हिस्सा रहकर वो काफी अच्छा काम करते दिख रहे हैं।
विक्रम राठौड़ का जन्म 26 मार्च 1969 को पंजाब के जलंधर में हुआ था। वो एक विकेटकीपर बल्लेबाज थे जिसने घरेलू क्रिकेट में काफी रन बनाए और विकेट के पीछे भी रहते हुए काफी शिकार किए। हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका धमाल वैसा नजर नहीं आया। उन्होंने 15 अप्रैल 1996 में पाकिस्तान के खिलाफ हाईवोल्टेज वनडे मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया। जबकि उसी साल जून में उनको इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने का मौका भी मिल गया।
क्या होता है 'वॉकिंग विकेट'
क्रिकेट के खेल में कुछ शब्द ऐसे हैं जिसका ताल्लुक सिर्फ इस खेल से जुड़ा है। वॉकिंग विकेट (Walking Wicket) भी उन्हीं में से एक है। यानी वो बल्लेबाज जिसे काफी कमजोर माना जाता था और जल्दी अपना विकेट गंवाने के लिए मशहूर होता था। विक्रम राठौड़ को भी कई बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वॉकिंग विकेट कहा गया, हालांकि वो पुछल्ले बल्लेबाज नहीं बल्कि एक ओपनर थे।
ग्राहम थोर्प का पहला शिकार बने
विक्रम राठौड़ जब इंग्लैंड खेलने गए तो उनका रुतबा एक शानदार प्रथम श्रेणी क्रिकेटर के रूप में था जिसने घरेलू क्रिकेट में 50 के औसत से रन बनाए थे। लेकिन पूर्व इंग्लिश दिग्गज गेंदबाज डोमिनिक कॉर्क ने उनको अपना पसंदीदा शिकार बना लिया था और उनकी पारियां उस सीरीज के दौरान ऐसी रहीं- 20, 7, 15, 4 रन। हर बार वो स्लिप में कैच आउट हो जाते थे और इसमें सुधार होता नजर नहीं आया। हद तब हो गई जब ग्राहम थोर्प जो कि एक विशेषज्ञ बल्लेबाज थे, वो भी गेंदबाजी करने आए और विक्रम राठौड़ उनकी गेंद पर भी आउट हो गए।
ग्राहम थोर्प ने अपने टेस्ट करियर में कोई विकेट नहीं लिया और वनडे करियर में सिर्फ 2 ही विकेट लिए थे, जिसमें पहला विकेट विक्रम राठौड़ ही थे। ऱाठौड़ ने कुल 6 टेस्ट मैच खेले जिसमें बिना कोई अर्धशतक कुल 131 रन बनाए। जबकि वनडे क्रिकेट में 7 मैच खेले और यहां 193 रन बनाए। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में राठौड़ ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 11,473 रन बनाए थे और लिस्ट-ए क्रिकेट के 99 मैचों में 3161 रन बनाए।
सितंबर 2012 में विक्रम राठौड़ नॉर्थ जोन की तरफ से बीसीसीआई की सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति का हिस्सा बने। जबकि उसके बाद 2019 में उनको संजय बांगर के बाद भारतीय टीम का मुख्य बल्लेबाजी कोच चुना गया।