- स्टीव बकनर ने अपनी गलतियां स्वीकार की थी, जिससे नाखुश हैं इरफान पठान
- 2008 सिडनी टेस्ट में बकनर से सात गलतियां हुई थीं, जिसके बाद विवाद खड़ा हुआ था
- पठान इस बात से अब भी नाराज हैं और उन्होंने बकनर को खूब खरी-खरी सुनाई
नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2008 में खेला गया सिडनी टेस्ट मैच विवादों से भरा रहा था। इस मुकाबले में अंपायरिंग कर रहे स्टीव बकनर ने काफी गलतियां की थी। हाल ही में एक इंटरव्यू में आईसीसी के पूर्व अंपायर बकनर ने इस मैच से जुड़ी अपनी दो गलतियां स्वीकार की थी, जिसे जानकर टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान खासे नाराज हैं।
मैच की बात करें तो स्टीव बकनर ने कम से कम 7 गलत फैसले सुनाए थे, जिसके बाद अंपायरों द्वारा पक्षपात किए जाने का विवाद खड़ा हुआ था और टीम इंडिया को 122 रन की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। बकनर की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उन्होंने एंड्रयू साइमंड्स के कैच की अपील को खारिज कर दिया था, जबकि उनके बल्ले का किनारा लगने की आवाज साफ आई थी। तब साइमंड्स 30 रन पर खेल रहे थे। इस जीवनदान के बाद उन्होंने 162 रन की पारी खेली, जिससे ऑस्ट्रेलिया लय में आ गई।
अंपायरिंग गलतियों से हारे थे: पठान
इस टेस्ट मैच में लगे घाव को करीब 12 साल बीत चुके हैं, लेकिन यह पठान के लिए आज भी ताजा हैं। बकनर ने पिछले सप्ताह मिड-डे को दिए इंटरव्यू में अपनी गलतियों को स्वीकार किया, लेकिन पूर्व ऑलराउंडर इसे मानने को तैयार नहीं है। स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में पठान ने कहा, 'कोई मायने नहीं रखता कि आप अपनी गलती स्वीकार कर ले। जो होना था, वो हो गया। हम टेस्ट मैच हार गए। मुझे याद है ऑस्ट्रेलिया में जब मैंने अपना पहला टेस्ट खेला तो वो एडिलेड में था। मेरा डेब्यू गेम (2003) और हमने करीब 22 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट जीता था। फिर अंपायर की वजह से टेस्ट हारना। इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, अब कोई मायने नहीं रखता कि अंपायर क्या कहें।'
तीन बार साइमंड्स को मिला था जीवनदान: पठान
पूर्व ऑलराउंडर ने आगे कहा, 'क्रिकेटर के रूप में हमें खराब फैसलों की आदत होती है। कभी हमारी गेंदबाजी में तो कभी बल्लेबाजी में। हम उससे निराश होते हैं और फिर भूल जाते हैं। मगर वो सिडनी टेस्ट, वहां सिर्फ एक गलती नहीं हुई। वहां सात गलतियां हुई, जिसकी वजह से हम मैच हारे। मुझे याद है कि एंड्रयू साइमंड्स तीन बार आउट हुए थे और हर बार अंपायर ने उन्हें नॉटआउट दिया था।'
'पहली बार भारतीय क्रिकेटरों को गुस्से में देखा'
सिडनी टेस्ट ने मंकीगेट ऐपिसोड के कारण भी काफी सुर्खियां बटोरी थी। यह हार ज्यादा निराशाजनक इसलिए थी क्योंकि खराब अंपायरिंग हुई। भारतीय टीम टेस्ट जीतने की स्थिति में थी और जो सीरीज ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में 2-1 से रही, वो ड्रॉ पर समाप्त हो सकती थी। खराब अंपायरिंग से दर्शक गुस्से में थे और भारतीय टीम बीच दौरा छोड़कर घर लौटने का मन बना चुकी थी। हालांकि, अनिल कुंबले की कप्तानी में टीम इंडिया ने धमाकेदार वापसी करके पर्थ टेस्ट में जीत दर्ज की।
पठान ने कहा, 'एंड्रयू साइमंड्स मैन ऑफ द मैच बने। हम 122 रन से हारे। साइमंड्स के खिलाफ अगर एक फैसला भी सही होता तो हम आसानी से मैच जीत जाते। वो सिर्फ गुस्सा या निराशा नहीं थी। पहली बार मैंने भारतीय क्रिकेटरों को गुस्से में देखा। फैंस के दिमाग में एक ही बात थी कि अंपायर्स यह जानबूझकर कर रहे हैं। हां, आप क्रिकेटर के रूप में ऐसा नहीं सोच सकते। हमें ठीक सोचना थी। ऐसा होता है और हमें आगे बढ़ना होगा। मगर सात गलतियां, क्या आप मेरे साथ मजाक कर रहे हैं? वो अविश्वसनीय और पचने लायक बात नहीं थी।'