- इरफान पठान ने बताया कि आखिर क्यों सौरव गांगुली टॉस पर देरी से पहुंचते थे
- पठान ने बताया कि गांगुली को टॉस के लिए देरी हो चुकी थी, फिर भी उन्होंने ड्रेसिंग रूम में पूरा समय लिया
- सौरव गांगुली के बारे में कई अन्य टीमों के कप्तान शिकायत कर चुके हैं कि वह टॉस में इंतजार कराते थे
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान ने खुलासा किया है कि सौरव गांगुली जब कप्तान थे, तो टॉस के लिए क्यों देरी से पहुंचते थे। सौरव गांगुली की कप्तानी में 2003-04 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया के लिए डेब्यू करने वाले पठान ने एक किस्सा बताया जब पूर्व कप्तान को पहले ही टॉस के लिए देरी हो चुकी थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने ड्रेसिंग रूम में अपना पूरा समय लिया।
पठान ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टेड में बातचीत करते हुए कहा, 'मेरे पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दादा ने स्टीव वॉ को मैदान पर टॉस के लिए इंतजार कराया था। मुझे वो किस्सा अच्छी तरह याद है। मैं ड्रेसिंग रूम में था और मुझे याद है कि टॉस का समय हो चुका था। 'दादा' घड़ी देखते थे और हमारे मैनेजर उन्हें याद दिलाते थे कि टॉस का समय हो चुका है।'
कई कप्तान जता चुके हैं नाराजगी
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन टॉस में देरी के लिए पहले ही सौरव गांगुली के बारे में अपनी भड़ास निकाल चुके हैं। पठान ने 2004 में सिडनी टेस्ट का जिक्र किया, जो स्टीव वॉ का ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के रूप में आखिरी टेस्ट मैच था। पठान ने बताया कि सचिन तेंदुलकर भी सौरव गांगुली को समय पर टॉस कराने जाने के लिए नहीं मना सके।
पठान ने कहा, 'सिडनी टेस्ट के दौरान मुझे याद है कि सचिन पाजी ने कहा था दादा तुम्हें टॉस के लिए जाना चाहिए। टॉस का समय हो चुका है। मगर दादा तो ड्रेसिंग रूम में अपने समय का उपयोग कर रहे थे। वो अपने जूते ठीक कर रहे थे, स्वेटर को ठीक कर रहे थे और कैप जमाने में जुटे हुए थे। जब कोई व्यक्ति देरी करता है तो उसके चेहरे पर दबाव दिखता है, लेकिन दादा को कभी जल्दी नहीं रहीं।'
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