नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर इरफान पठान ने शनिवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान किया। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड ओवल में भारत की तरफ से डेब्यू किया था। वह तब 19 साल के थे। 35 वर्षीय इरफान ने लंबे अरसे से भारत के लिए कई कोई मैच नहीं खेला। उन्होंने भारत की तरफ से आखिरी मैच अक्टूबर 2012 में खेला जो एक टी20 मुकाबला था।
पठान ने 29 टेस्ट मैचों में 1105 रन बनाए और 100 विकेट लिए। उन्होंने 120 वनडे में 1544 रन बनाने के अलावा 173 विकेट हासिल किए। वहीं, उन्होंने 24 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 172 रन बनाए और 28 विकेट चटकाए। वह बहुत तेज गेंदबाजी नहीं करते थे लेकिन दायें हाथ के बल्लेबाजों के लिये स्विंग कराने की नैसर्गिक क्षमता के कारण उन्हें जल्द ही सफलता मिलने लगी। उनकी पूर्व ऑलराउंडर कपिल देव से भी तुलना की गई लेकिन वह उम्मीदों पर ज्यादा खरे नहीं उतरे।
पठान अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और एमएस धोनी जैसे कप्तानों की अगुवाई में टीम इंडिया में खेले। पठान ने सभी कप्तानों की तारीफ की लेकिन उन्होंने द्रविड़ को बेहद खास कप्तान बताया। उन्होंने खुलासे करते हुए कहा कि गांगुली ने सबसे कठिन समय में टीम को अच्छी तरह से संभाला मगर बतौर कप्तान द्रविड़ ने बल्ले और गेंद से उनकी क्षमताओं का सही से उपयोग किया।
उन्होंने 'द हिंदू' को दिए इंटरव्यू में कहा, मुझे सभी कप्तानों के साथ खेलने में मजा आया। सौरव गांगुली शानदार थे। वह बहुत खास थे। सभी ने उनकी कप्तानी की सराहना की और कोई भी प्रशंसक इस बात से असहमत नहीं होगा कि उन्होंने सबसे कठिन समय में टीम को अच्छी तरह से संभाला। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को एक दिशा दी जिससे अब हम लाभान्वित हो रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन मुझे लगता है कि वो राहुल द्रविड़ ही थे, जिन्होंने मेरा सबसे अच्छा उपयोग किया। उनकी कप्तानी में न केवल मेरी गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी के प्रदर्शन में भी सुधार हुआ। मेरे बल्लेबाजी औसत में काफी सुधार हुआ। नंबर 3 बल्लेबाज के रूप में मेरा औसत 32 था। द्रविड़ के बाद मुझे कभी भी इस क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला।'