नई दिल्ली: जब सचिन तेंदुलकर पहली बार 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने मैदान में उतरे तो बहुतों को यह अंदाजा नहीं था कि उनका करियर दो दशक से लंबा चलेगा। सचिन ने उस समय सबसे खतरनाक गेंदबाजों के खिलाफ बल्लेबाजी की और निडरता के साथ अपनी काबिलियत का परिचय दिया। उन्होंने अतिरिक्त गति और उछाल लेती गेंदों पर करारा प्रहार करते हुए कम ही वक्त में अपना दबदबा कायम कर लिया। कुछ ही वर्षों में वह ताल ठोकते हुए 'देश के प्रिय' बन गए। उन्होंने अकेले ही कई विपक्षी गेंदबाजी आक्रमणों को ध्वस्त किया और आगे आकर टीम को मुश्किल समय संभाला।
तेंदुलकर ने बनाए 100 अंतरराष्ट्रीय शतक
वह अपनी इसी क्षमता की बदौलत एक महान क्रिकेटर बने। तेंदुलकर ने जब संन्यास लिया तो उनके खाते में 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों के साथ 34,000 से अधिक रन थे।तेंदुलकर बेहद प्रतिभाशाली थे। वह पूर्ण बल्लेबाज थे। उन्होंने अलग-अलग तहर के गेंदबाजों से निपटने के नए तरीके ढूंढे। उन्हें पिच की परिस्थितियों के अनुसार ढलने में ज्यादा कठिनाई नहीं आती थी।
तेंदुलकर के संन्यास के बाद सभी क्रिकेट फैंस भारतीय ड्रेसिंग रूम की ओर टकटकी लगाए देखते रहे कि उनकी जगह कौन लेगा? कई क्रिकेटरों ने कुछ समय के लिए अच्छी प्रदर्शन किया, हालांकि निरंतरता की कमी के कारण वो पिछड़ गए। लेकिन भारत के मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया। उन्होंने खुद को मांझा और तेंदुलकर की तरह सफलता की राह पर निकल पड़े।
कोहली-सचिन की तुलना
कोहली का बल्ला तीनो फॉर्मेट में जमकर चलता है। वह अपने 12 साल के लंबे करियर में अभी तक 70 अंतर्राष्ट्रीय शतक लगा चुके हैं। कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में कोहली कई बड़े रिकॉर्ड के मामले में तेंदुलकर को पीछे छोड़ देंगे। दोनों क्रिकेटरों के बीच हमेशा तुलना होती है। ऐसा ही सवाल हाल ही में भारत के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के सामने भी आया। जब 'क्रिकबज' के एक शो में इशांत से दोनों के बीच अपने पसंदीदा को चुनने के लिए कहा गया तो उन्होंने बिना देर किए कोहली का नाम लिया। इशांत ने कहा, 'विराट कोहली सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं।'