- भारत और पाकिस्तान क्रिकेट टीमों के खिलाड़ियों ने जब साथ मनाई थी होली
- पूर्व पाकिस्तानी दिग्गज जावेद मियांदाद ने बताया क्या कुछ हुआ था
- मैदान पर सालों से चिर-प्रतिद्वंद्वी रही हैं दोनों टीमें
भारत-पाकिस्तान की क्रिकेट टीमों के बीच आखिरी बार 2013 में कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज खेली गई थी। उस दौरान पाकिस्तान ने अंतिम बार भारत का दौरा किया था। एक वो दिन है और एक आज का दिन है, तब से अब तक पाकिस्तान की हरकतोंं के कारण रिश्ते इतने खराब हुए कि कोई क्रिकेट सीरीज नहीं खेली जा सकी। हालांकि एक समय ऐसा था जब दोनों टीमें एक दूसरे के देशों में जाकर खूब क्रिकेट खेला करती थीं और फैंस भी इसका जमकर लुत्फ उठाते थे। उन्हीं दिनों का एक दिलचस्प किस्सा पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी जावेद मियांदाद को याद आया है।
इन दिनों पाकिस्तान के मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी यू-ट्यूब के जरिए अपनी बातें दुनिया के सामने रख रहे हैं। अब ये चलन सा हो चुका है। ताजा वीडियो पूर्व दिग्गज जावेद मियांदाद का है जिन्होंने इतिहास का एक पन्ना पलटते हुए पाकिस्तान के उस भारत दौरे के बारे में बताया है जो वो आज तक नहीं भूले। मियांदाद के मुताबिक उस दौरे पर जब वे बेंगलुरू में थे तब दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने साथ में होली खेली थी।
हम एक ही होटल में थे
जावेद मियांदाद ने उस भारत दौरे के समय का जिक्र करते हुए बेंगलुरू के बारे बताया कि दोनों टीमें एक ही होटल में रुकी थीं। होली का माहौल था और खिलाड़ियों के पास ज्यादा कुछ करने को था नहीं तो उन्होंने साथ में होली खेली।
हमने रवि शास्त्री को उठाया और..
इस पूर्व पाकिस्तानी दिग्गज ने आगे बताया कि कैसे उन्होंने होली खेलते हुए रवि शास्त्री के साथ मस्ती की थी। मियांदाद ने कहा, 'सभी लोग होटल में होली खेलने लगे थे। मुझे याद है कि हम इमरान खान के कमरे में भी घुस गए थे और सब एक दूसरे को रंग लगा रहे थे। हमने भारतीय क्रिकेटर्स को भी नहीं छोड़ा। जाहिर तौर पर उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। रवि शास्त्री छुपे हुए थे। हम उसके रूम में गए, हमने उसको उठाया और स्विंमिंग पूल में फेंक दिया। हमने खूब मस्ती की थी।'
वो हमारा सबसे अच्छा दौरा था
मियांदाद ने पाकिस्तान के उस भारत दौरे को सबसे अच्छा करार दिया। उन्होंने कहा, 'वो पाकिस्तान का बेस्ट भारत दौरा था। हर जगह हमारा स्वागत किया गया था। हम सभी ने साथ में होली खेली थी। सबको एक दूसरे के त्योहार में शामिल होना चाहिए। मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगता।' गौरतलब है कि करियर के दिनों में मैदान पर जावेद मियांदाद की भारत के साथ हमेशा करारी टक्कर होती थी लेकिन मैदान के बाहर सभी दोस्त जैसे थे।