- आयरलैंड के दिग्गज बल्लेबाज ने वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया
- आयरलैंड के बल्लेबाज के नाम विश्व कप इतिहास में सबसे तेज शतक जमाने का रिकॉर्ड दर्ज
- 2011 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ जड़ा था सबसे तेज शतक
डबलिन: 50 ओवर विश्व कप इतिहास में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले आयरलैंड के स्टार ऑलराउंडर केविन ओ ब्रायन ने वनडे क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। 15 साल खेलने के बाद 37 साल के ब्रायन ने वनडे क्रिकेट को अलविदा कहा। केविन ओ ब्रायन को आक्रामक पारियां खेलने के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपना वनडे करियर 3618 रन और 114 विकेट के साथ समाप्त किया।
दाएं हाथ के बल्लेबाज आयरलैंड की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में तीसरे स्थान पर हैं। ओ ब्रायन की विशेषता यह थी कि उन्होंने शीर्ष टीमों इंग्लैंड, भारत और वेस्टइंडीज के खिलाफ धमाकेदार पारियां खेली। उनका स्ट्राइक रेट 88.92 का रहा, जो टीम में सर्वश्रेष्ठ में से एक है।
अपना फैसला सुनाते हुए केविन ओ ब्रायन ने कहा, 'आयरलैंड के लिए 15 साल तक खेलने के बाद मुझे महसूस हुआ कि वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का यह सही समय है। 153 बार अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सम्मान मुझे मिला और मैं यहां से जिंदगीभर की यादें अपने साथ लेकर जा रहा हूं।'
टी20 क्रिकेट पर लगाएंगे पूरा ध्यान
केविन ओ ब्रायन ने आगे कहा, 'यह आसान फैसला नहीं था, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि मैं वनडे टीम में पहले के जैसे योगदान दे सकूंगा। वनडे प्रारूप के लिए भूख और प्यार अब पहले जैसा नहीं रहा और जब 100 प्रतिशत भावना नहीं हो तो दूरी बना लेना सही है। 2006 से टीम के साथ मेरे कुछ अविश्वसनीय पल रहे हैं। तीन विश्व कप, निजी सफलता और टीम के साथ दुनियाभर की यात्रा करना सुखद अनुभव रहा।'
केविन ओ ब्रायन ने स्पष्ट कर दिया कि वो अपना पूरा ध्यान अब टी20 क्रिकेट पर लगाएंगे क्योंकि अगले 18 महीनों में दो विश्व कप होना है। ध्यान दिला दें कि केविन ओ ब्रायन के नाम विश्व कप इतिहास में सबसे तेज शतक जमाने का रिकॉर्ड दर्ज है। 2011 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ केवल 50 गेंदों में केविन ओ ब्रायन ने सैकड़ा पूरा किया था।
इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करके 50 ओवर में 8 विकेट खोकर 327 रन बनाए थे। जवाब में आयरलैंड ने पांच गेंदें शेष रहते तीन विकेट से मैच जीता था। केविन ओ ब्रायन ने 63 गेंदों में 13 चौके और 6 छक्कों की मदद से 113 रन बनाए थे, जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था।