- किरण मोरे और जावेद मियांदाद के बीच 1992 वर्ल्ड कप मैच में हुआ था विवाद
- जावेद मियांदाद ने हवा में उछलकर किरण मोरे का जमकर मजाक उड़ाया था
- किरण मोरे ने अब इस पूरे किस्से का खुलासा किया है
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने खुलासा किया है कि 1992 विश्व कप में उनके और जावेद मियांदाद के बीच हुए विवाद के बावजूद आपस में दोनों के रिश्ते में कोई खटास नहीं आई। मोरे ने खुलासा किया कि जब वो पाकिस्तान में थे तो मियांदाद के घर पर डिनर करने गए थे और दोनों के बीच खूब मस्ती मजाक हुआ था।
मियांदाद और किरण मोरे के बीच 1992 वर्ल्ड कप मुकाबले के दौरान बातचीत में काफी विवाद हुआ था। भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड कप मैच होने से ही आप समझ सकते हैं कि दबाव किस स्तर का होगा। ऐसे में जावेद मियांदाद ने अपने ड्रेसिंग रूम की तरफ देखा और मोरे जैसी छलांग लगाकर भारतीय विकेटकीपर का मजाक उड़ाया था।
द कर्टली एंड करिश्मा यूट्यूब शो पर बातचीत करते हुए किरण मोरे ने खुलासा किया कि भारत सिर्फ पाकिस्तान को उतना ही जवाब दे रहा था, जितना बल्लेबाजी करते समय उन्हें सुनने को मिला था। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि मैदान के बाहर किसी के बीच कोई विवाद नहीं था।
इस घटना को याद करते हुए 58 साल के किरण मोरे ने कहा, 'जावेद मियांदाद को पीठ में चोट थी। मैं गेंदबाजों को लगातार बोल रहा था कि उनको शॉर्ट गेंद मत डालना, बस ऊपर डालना। अगर आप शॉर्ट गेंद डालोगे तो वो पीठ दर्द की समस्या के साथ भी कट शॉट खेल लेंगे। तो मियांदाद निराश हो रहे थे। वह मिड ऑफ और कवर में ड्राइव जमाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गेंद वहां जा नहीं रही थी।'
किरण मोरे ने आगे कहा, 'जावेद मियांदाद बोल रहे थे कि हम मैच जीत जाएंगे। और मैं कह रहा था नर्क में जाओ, यह मुकाबला हम जीतेंगे। तभी सचिन तेंदुलकर की गेंद पर लेग साइड में जाती गेंद पर अपील हुई। मुझे लगा कि गेंद बल्ले से टकराई और कैच पकड़ लिया है। मैंने अपील की और जावेद ने मुझे घूरकर देखा। हम दोनों ने एक-दूसरे को चुप रहने के लिए कहा। फिर रनआउट की अपील हुई जब मैं उछला और स्टंप्स बिखेरे। और जावेद ने मेरी नकल करना शुरू कर दी।'
मोरे ने आगे कहा, 'मैंने उसे करारा जवाब दिया। मैंने अपना मुंह ग्लव्स से ढक लिया था। उस समय तो माइक का उपयोग होता था। अंपायर डेविड शेफर्ड आए और कहा, जावेद अगर तुमने दोबारा ऐसा किया, तो मैं तुम्हें मैदान के बाहर भेज दूंगा।' पूर्व भारतीय विकेटकीपर ने हालांकि, खुलासा किया कि बाद में दोनों की मुलाकात पाकिस्तान में हुई और दोनों इस घटना पर खूब हंसे।
मोरे ने कहा, 'इस के बाद मैं पाकिस्तान गया। जावेद ने मुझे फोन किया। मैं उनके घर डिनर करने गया था। सुबह 4 बजे तक हमारा समय शानदार बीता। खूब हंसी मजाक किया।'
उस मैच में बहुत ज्यादा दबाव था: किरण मोरे
घटना के बारे में बताते हुए किरण मोरे ने बताया कि खिलाड़ियों पर बहुत दबाव था क्योंकि विश्व कप इतिहास में पहली बार भारत-पाकिस्तान आमने-सामने भिड़े थे। किरण मोरे ने कहा, 'जावेद मेरे अच्छे दोस्त हैं। मगर उस मैच में हम पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में खेल रहे थे। तो भारत और हर जगह इस मैच को लेकर काफी बातचीत हुई थी। दर्शकों से मैदान पूरा तो नहीं भरा था, लेकिन उन्होंने बहुत चीयर किया और हम दबाव में थे। हमारे लिए भारत लौटना मुश्किल हो जाता।'
उन्होंने आगे कहा, 'जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे तो उन्होंने हमें काफी सुनाई थी। जब हम पोपिंग क्रीज पर खड़े हो तो मोईन खान, जावेद मियांदाद, सलीम मलिक वहां थे। सभी ने हमें घेर रखा था। इमरान खान भी कुछ कुछ कर रहे थे। तो जब हम मैदान में गए, मैं अपनी टीम का लीडर बना और पाकिस्तानी खिलाड़ियों को सुनाया। मैंने शुरूआत की, फिर सचिन तेंदुलकर, कपिल देव सभी जोश से भर गए। हम उस मैच को जीतना चाहते थे और मैंने आमिर सोहेल और फिर जावेद मियांदाद से बातचीत की थी।' भारत ने इस मैच को 43 रन से जीता था।