- नाडा ने पांच भारतीय क्रिकेटरों को नोटिस जारी किया है
- बीसीसीआई ने पासवर्ड में गड़बड़ की बात कहते हुए क्रिकेटरों का बचाव किया
- इस तरह के मामलों में सुनवाई के कारण दो साल का प्रतिबंध लगाया जाता है
नई दिल्ली: राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने व्हेयर अबाउट (सैंपल देने के लिए पता) की जानकारी नहीं देने के कारण कुछ खिलाड़ियों को नोटिस जारी किया जिसमें से पांच क्रिकेटर भी हैं। क्रिकेटरों के इस कदम को गलती मानने से पहले नाडा बीसीसीआई के जवाब की समीक्षा करेगी। नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने शनिवार को कहा, 'उनके जवाब और हमारी समीक्षा को ध्यान में रखते हुए हम फैसला लेंगे कि हमें इसे गलती के तौर पर लेना है या नहीं।'
इस तरह के मामलों में सुनवाई के कारण दो साल का प्रतिबंध लगाया जाता है। अग्रवाल ने कहा कि इसे गलती तभी माना जाएगा जब नाडा खिलाड़ियों और क्रिकेटरों के संदर्भ में बीसीसीआई की सफाई को देखेगी। जिन क्रिकेट खिलाडियों को नोटिस भेजा गया है उसमें चेतेश्वर पुजारा, लोकेश राहुल के नाम शामिल हैं।
अग्रवाल ने कहा, 'कुछ खिलाड़ियों ने सोचा कि लॉकडाउन है तो उन्हें अपने व्हेयरअबाउट्स देने की जरूरत नहीं है। अब हमें कॉम्पटीशन टेस्टिंग दोबारा चालू करनी है और इसके लिए हमें व्हेयरअबाउट्स की जरूरत होगी।'
बीसीसीआई ने दिया ये जवाब
अग्रवाल ने कहा कि इन खिलाड़ियों को ऐसा न करने पर नोटिस भेजा गया था। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने जवाब भेज दिया है, जिसमें उसने कहा कि फॉर्म को भरने में कुछ पासवर्ड संबंधी मुद्दा था।
उन्होंने कहा, 'कुछ पासवर्ड को लेकर मुद्द था जिसमें वो सुधार कर रहे हैं।' जहां देश इस समय लॉकडाउन में हैं, वहीं तीन महीनों के व्हेयरअबाउट्स को जमा करने का नियम अनिवार्य है। ऐसे तीन असफल प्रयास एक डोपिंग विरोधी नियम उल्लंघन (एडीआरवी) बनाते हैं, जिसमें सुनवाई के बाद दो साल का निलंबन हो सकता है।'
जहां बीसीसीआई ने अपने कर्मचारियों को मीडिया से बातचीत करने में आधिकारिक रूप से दूर रहने को कहा है, ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल है कि आसान पासवर्ड संबंधी त्रुटि को सुधारने में इतना समय क्यों लग गया।
कौन है जिम्मेदार
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने पूछा कि पांच क्रिकेटरों को अपने आप फॉर्म अपलोड करने के लिए क्यों नहीं कहा गया। उन्होंने कहा, 'अभी लॉकडाउन का समय चल रहा है और वो लोग कहीं बाहर नहीं रह रहे हैं। कुछ नाम कई इंस्टाग्राम चैट और पॉडकास्ट में व्यस्त रहे, जो उनके एजेंट संभाल रहे हैं।
अगर क्रिकेट ऑपरेशंस टीम पासवर्ड फिक्स करने में गड़बड़ कर रही थी, तो पांच क्रिकेटरों को अपने आप ऐसा करने को क्यों नहीं कहा गया, वो लोग कुछ मार्गदर्शन के साथ व्यक्तिगत रूप से ऐसा कर सकते थे।' संभवत: नाडा इस बार थोड़ा नरम पड़ गई, लेकिन अगर यह आधिकारिक चेतावनी होती तो कौन जिम्मेदार होता?'