- एमएस धोनी ने इस साल अगस्त में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया
- एमएस धोनी अपने खेलने वाले दिनों में भारतीय स्पिनर्स के मार्गदर्शक बनकर रहे थे
- मोरे का मानना है कि कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा जैसे स्पिनर्स धोनी के बिना वैसे नहीं हैं
नई दिल्ली: भारतीय टीम के मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर स्पिनर्स संघर्ष करते हुए नजर आए। युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा नियमित अंतराल में विकेट लेने में कामयाब नहीं हो पा रहे थे। भारतीय गेंदबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन भारत की वनउे सीरीज में 1-2 की हार का बड़ा कारण रहा। ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के स्पिनर्स आखिर क्यों संघर्ष कर रहे हैं? इसका जवाब पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे ने दिया।
मोरे ने कहा कि टीम इंडिया को विकेट के पीछे एमएस धोनी की कमी जमकर खल रही है। इस साल अगस्त में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले धोनी अपने खेलने वाले दिनों में स्पिनर्स के मार्गदर्शक के रूप में खेले। वह स्पिनर्स को लगातार सलाह देते रहते थे कि किस बल्लेबाज को किस तरह की गेंदबाजी करना है। माही विकेट के पीछे से स्पिनर्स के मार्गदर्शक की भूमिका निभाते थे और समय-समय पर महत्वपूर्ण विकेट लेने के लिए जाने जाते थे। मोरे का मानना है कि कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा अब वैसे गेंदबाज नहीं है, जैसे धोनी की मौजूदगी में थे।
धोनी की सलाह का प्रभाव
किरण मोरे ने डब्ल्यूवी रमन के साथ बातचीत करते हुए कहा, 'धोनी के समय में, वो लगातार गेंदबाजों को सलाह देता रहता था कि किस लेंथ पर गेंदबाजी करनी है। ज्यादातर हिंदी में बोलता था। अब धोनी विकेट के पीछे नहीं है। भारतीय स्पिनर्स संघर्ष कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा अब वैसे गेंदबाज नहीं रहे। धोनी ने 10-12 साल यह काम किया क्योंकि विराट कोहली डीप में खड़े रहते थे। मगर अब कोहली को या तो शॉर्ट एक्स्ट्रा कवर या फिर मिड ऑफ पर रहना पड़ता है, तभी वो गेंदबाज से बात कर पाते हैं।'
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में चहल, जडेजा और कुलदीप यादव की जमकर धुनाई हुई। कुलदीप यादव को एक मैच खेलने को मौका मिला और उसमें वो सिर्फ एक विकेट ही चटका सके। जडेजा ने तीन मैच खेले और एक विकेट लेकर 180 रन खर्च किए। चहल ने दो वनडे खेले और 160 रन खर्च करके एक विकेट चटकाया। तीसरे वनडे में चहल को मौका नहीं दिया गया था।
हालांकि, टी20 इंटरनेशनल के पहले मुकाबले में चहल ने मैच विजयी गेंदबाजी करते हुए 25 रन देकर तीन विकेट चटकाए थे। वह जडेजा के कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में मैदान पर आए थे। फिर दूसरे टी20 में चहल की जमकर धुनाई हुई और उनके नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया था। चहल ने 4 ओवर में 51 रन देकर एक विकेट झटका था।