- पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज आकिब जावेद ने मैच फिक्सिंग के बारे में बड़ा खुलासा किया
- आकिब जावेद ने बताया कि कैसे पाकिस्तानी टीम के उनके साथी ने मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क साधा था
- जावेद का करियर छोटा रहा क्योंकि उन्होंने मैच फिक्सिंग का खुलकर विरोध किया
कराची: पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज आकिब जावेद ने अपनी टीम के पूर्व साथी सलीम परवेज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जावेद ने कहा कि परवेज अपने खिलाड़ियों का बुकियों से परिचय कराते थे। पूर्व तेज गेंदबाज जावेद का करियर 1998 में 25 साल की उम्र में समाप्त हो गया था। उन्होंने कहा कि बुकियों ने उनसे भी मैच फिक्सिंग करने के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया और इसके चलते उनका करियर खत्म हो गया।
जावेद के हवाले से एक स्थानीय पाकिस्तानी न्यूज चैनल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा, 'महंगी कारें और करोड़ों रुपए क्रिकेटरों को दिए जाते थे। मुझे भी मैच फिक्स करने को कहा गया था और यह भी कहा गया कि अगर मैंने साथ नहीं दिया तो मेरा करियर खत्म हो जाएगा। मैच फिक्सिंग के प्रस्तावों के साथ बुकी एक पूर्व क्रिकेटर सलीम परवेज की मदद से खिलाड़ियों से मिलते थे।'
मुझे करियर खत्म होने का मलाल नहीं: जावेद
उन्होंने आगे कहा, 'जब मुझे फिक्सिंग के बारे में पता चला तो मैंने दमदार फैसला किया और इसके खिलाफ खड़ा हो गया। मुझे इसका मलाल नहीं कि इससे मेरा करियर छोटा रह गया क्योंकि मेरा अपने मूल्यों पर मजबूती से विश्वास है। लोगों ने मुझे अपने फैसले के कारण दौरों से किनारे करने की कोशिश की और उन्हें भी सजा दी, जो मुझसे बातें करते थे।' जावेद ने मई में भारत में मैच फिक्सिंग के प्रमुख मांद पर भी आरोप लगाया था।
1990 के समय में पाकिस्तान क्रिकेट में भ्रष्टाचार घपले के व्हिसलब्लोअर्स में से एक रहे आकिब जावेद ने पाकिस्तान में मैच फिक्सिंग की घटनाओं के बारे में भी बातें की। उनके हवाले से पाकिस्तान के न्यूज चैनल ने कहा, 'आईपीएल पर सवाल खड़े हुए और मुझे लगता है कि मैच फिक्सिंग माफिया की मांद भारत में है।' अपने करियर के बारे में बात करते हुए आकिब जावेद ने साथ ही कहा कि उनकी टीम में वापसी नहीं हुई क्योंकि मैच फिक्सर्स पर उन्होंने व्हिसल बजाई।
जावेद ने कहा, 'मेरा करियर जल्द ही खत्म हो गया क्योंकि मैंने फिक्सिंग के खिलाफ अपना मुंह खोला। मुझे धमकाया गया कि मेरे छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए जाएंगे। अगर आप फिक्सिंग के खिलाफ कुछ बोलते हैं तो आपके करियर में आप एक हद तक ही आगे पहुंच सकते हैं। यही वजह रही कि मैं कभी पाकिस्तान टीम का हेड कोच नहीं बन सका।'