- मदन लाल ने विराट कोहली के आलोचकों को लताड़ लगाई
- लाल ने कहा कि उन्हें विराट कोहली की आक्रमकता काफी पसंद है
- लाल ने कहा कि हर कोई आक्रामक कप्तान चाहता है, फिर विराट को शांत क्यों रखन चाहते हैं
नई दिल्ली: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य मदन लाल ने भारतीय कप्तान विराट कोहली के आलोचकों पर सवाल दागा है, जो अधिकांश मैदान में कोहली के आक्रामक बर्ताव की आलोचना करते हैं। भारत ने हाल ही में न्यूजीलैंड का दौरा किया था, जहां कोहली ने कीवी कप्तान केन विलियमसन को आक्रामक अंदाज में जश्न मनाकर पवेलियन भेजा था। इसके अलावा क्राइस्टचर्च में खेले गए दूसरे टेस्ट में कोहली को दर्शकों की तरफ अजब इशारा करते हुए देखा गया था।
मैदान के बाहर भी कोहली का रवैया नहीं बदला नजर आया। एक पत्रकार ने उनसे अपनी आक्रमकता कम करने का सवाल पूछा तो भारतीय कप्तान ने तगड़ा जवाब देकर उसकी बोलती बंद कर दी। भारत की हार पर प्रेस कांफ्रेंस में कोहली का अपना आपा खोने का इतिहास रहा है। दो साल पहले इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद भी कोहली ने एक पत्रकार पर अपनी भड़ास निकाली थी।
लाल ने किया समर्थन
कोहली के आलोचकों से मदन लाल खासे निराश हैं। उनका कहना है कि भारतीय कप्तान को बार-बार निशाने पर लिया जाता है। लाल ने कहा, 'मुझे समझ नहीं आता कि भारत में लोग कोहली को शांत होने के लिए क्यों कहते हैं। पहले तो हर कोई बहुत आक्रामक कप्तान चाहता है और अब चाहते हैं कि कोहली अपनी आक्रमकता छोड़ दे। वह मैदान पर जिस तरह रहते हैं, मुझे वो बड़ा पसंद आता है। पहले भी लोग कहते थे कि भारतीय खिलाड़ी मैदान पर आक्रामक नहीं हैं। अब जब आक्रमकता आई तो लोग सवाल करने लगे कि इतने आक्रामक क्यों। मुझे कोहली की आक्रमकता देखने में मजा आता है। हमें इसी तरह के कप्तान की जरुरत है।'
न्यूजीलैंड में लचर प्रदर्शन
विराट कोहली के लिए हाल ही में समाप्त न्यूजीलैंड दौरा काफी खराब बीता। वह दो टेस्ट की चार पारियों में केवल 38 रन बना सके। वहीं सात सीमित ओवर मुकाबलों में वह केवल एक बार अर्धशतक पूरा कर सके। 2014 टेस्ट सीरीज के बाद से कोहली का यह सबसे खराब दौरा रहा।
मदन लाल का मानना है कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का भी बुरा दौर आता है और कोहली दमदार अंदाज में वापसी करेंगे। उन्होंने कहा, 'वह फॉर्म में नहीं था। आप कह सकते हैं कि विश्वास की कमी थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज ने उनसे सबकुछ नहीं छीना। वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। कई बार तकनीकी खामी के चलते गड़बड़ी हो जाती है और आप कितनी भी कड़ी मेहनत करें, लेकिन अपेक्षाकृत नतीजा नहीं मिलता। यह सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ हो जाता है।'