- दीपक चाहर ने भारत-श्रीलंका दूसरे वनडे मैच में खेली यादगार पारी
- मैच के बाद दीपक चाहर ने किया खुलासा, राहुल द्रविड़ ने पिच पर जाने से पहले दिया था गुरु मंत्र
- श्रीलंकाई क्रिकेट टीम को 3 विकेट से हराकर भारत ने सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बनाई
भारत और श्रीलंका (IND vs SL) के बीच कोलंबो में खेला गया दूसरा वनडे मैच रोमांचक और यादगार रहा। टीम इंडिया के अलावा ये मुकाबला भारतीय खिलाड़ी दीपक चाहर के लिए यादगार बना। टीम इंडिया 276 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए हार के बाद करीब पहुंच गई थी। भारतीय टीम 193 रन पर अपने 7 विकेट गंवा चुकी थी लेकिन दीपक चाहर (Deepak Chahar) ने आठवें स्थान पर बैटिंग करते हुए करिश्माई पारी खेली और टीम को 5 गेंद बाकी रहते जीत दिला दी। मैच के बाद दीपक चाहर ने कुछ खुलासे किए।
दीपक चाहर ने वनडे क्रिकेट के अपने पांचवें मैच में पहला वनडे पचासा जड़ा। उन्होंने 82 गेदों पर नाबाद 69 रनों की शानदार पारी खेली और भुवनेश्वर कुमार (नाबाद 19) के साथ आठवें विकेट के लिए शानदार साझेदारी करते हुए टीम इंडिया को मैच में जीत दिलाई व सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त भी दिलाई। उनकी बल्लेबाजी देखकर सब हैरान थे और फैंस उत्साहित भी।
द्रविड़ ने दिया था गुरू मंत्र
दीपक चाहर ने मैच में 2 विकेट भी लिए थे। उनको 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया और हर तरफ उनकी तारीफें शुरू हो गईं। अवॉर्ड लेने के बाद दीपक चाहर ने खुलासा किया कि पिच पर उतरने से पहले कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने उनको एक खास गुरू मंत्र दिया था, जो काम कर गया। दीपक चाहर ने कहा, "राहुल सर ने मुझसे कहा था कि सारी गेंदें खेलना। मैं इंडिया-ए के लिए कुछ पारियां खेल चुका हूं शायद इसलिए उनको मुझ पर भरोसा है। उन्होंने मुझसे कहा था कि उनके मुताबिक मैं नंबर.7 पर अच्छा खेलने में सक्षम हूं। उनको मुझ पर भरोसा है।"
मैं ऐसे ही पल का सपना देखता था
चाहर ने अपनी इस पारी के बारे में आगे बात करते हुए कहा, "ये इस विकेट पर चेज करने के लिए सम्मानजनक लक्ष्य था। मेरे दिमाग में सिर्फ एक चीज चल रही थी, यही वो पारी है जिसका सपना मैं देखता था। देश के लिए मैच जीतने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता है। उम्मीद करता हूं कि आगामी मैचों में मेरी बल्लेबाजी ना आए। जब हमारा लक्ष्य 50 से नीचे आ गया तब मुझे लगा कि हां हम जीत सकते हैं। उससे पहले मैं सिर्फ बॉल बाय बॉल खेल रहा था। जब लक्ष्य छोटा होता दिखा उसके बाद मैंने थोड़ा जोखिम लेना शुरू किया।"