- वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वनडे में युजवेंद्र चहल रहे भारत के सबसे सफल गेंदबाज
- 4 ओवर में 49 रन देकर झचके चार विकेट, चुने गए प्लेयर ऑफ द मैच
- बताया दक्षिण अफ्रीका दौरे की असफलता से कैसे उबरे
अहमदाबाद: वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ने 6 विकेट से जीत दर्ज करके तीन मैच की वनडे सीरीज में विजयी शुरुआत की। इससे पहले भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में 0-3 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए कैरेबियाई टीम को 43.5 ओवर में 176 रन पर ढेर कर दिया। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने 9.5 ओवर में 49 रन देकर 4 विकेट झटके। इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया।
वॉशिंगटन ने जो शुरुआत दी मिला उसका फायदा
मैन ऑफ द मैच बनने के बाद चहल से रविवार की शानदार गेंदबाजी में मिली सफलता के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, वॉशिंगटन सुंदर ने जो शुरुआत दी थी उसका मुझे फायदा मिला। जब वॉशिंगटन ने एक ओवर में दो विकेट झटके तब मुझे पता था कि अब दबाव दूसरे बल्लेबाजों पर है। ऐसे में गेंदबाजी के दौरान मेरे दिमाग में था कि वॉशिंगटन ने जो दबाव बनाया है उसे बरकरार रखूं।'
तेज गेंद हो रही थी टर्न
वेस्टइंडीज के खिलाड़ी बड़े-बड़े शॉट्स खेलते हैं ऐसे उनके खिलाफ गेंदबाजी के प्लान के बारे में चहल ने कहा, जब मैं वॉशी( वॉशिंगटन सुंदर) की गेंदबाजी देख रहा था तो पता लग गया था कि पिच में थोड़ा टर्न है। मुझे लगा कि इस विकेट पर हम थोड़ा ऊपर डाल सकते हैं। ऐसे विकेटों पर जब आप थोड़ा आगे गेंदबाजी करते हैं तब भी उनपर शॉट मारना आसान नहीं होता है।
इस पिच पर पेस था अहम
चहल ने आगे कहा, रोहित भाई और विराट भाई से जब बात हुई तो उन्होंने बोला कि इस विकेट पर पेस बहुत अहम है। पिच धीरे-धीरे स्लो होती जाएगी तो अपना वाली स्लो गेंद यहां काम नहीं करेगी। इस पिच पर गेंद तेज गति पर भी स्पिन हो रही थी इसके अलावा मैंने लाइन चेंज की तो मैंने वो भी मिडिल और ऑफ स्टंप पर गेंद रखी।
द. अफ्रीका दौरे की कमजोरियों को किया दूर
आज गेंदबाजी के तरीके में कोई बदलाव किया तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, विकेट के हिसाब से मैं गेंदबाजी करता हूं। आज मुझे पता था कि आज गेंद हलके में निकलेगी नहीं तो उनके लिए बल्लेबाजी करना आसान होगा। अगर तेज गति से भी गेंद टर्न होती है तो वैसा ही करते रहो। वेरिएशन के रूप में आप धीमी गति से गेंद डाल सकते हैं। जब दक्षिण अफ्रीका से मैं वापस आया तो सारे मैच मैंने तीन-चार बार देखा कि मैं कहां पर क्या चीजें मिस कर रहा हूं। फिर मैंने रोहित भाई से बात की हमारे गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे सर से बात की और उसके बाद मैंने अपनी गेंदबाजी पर काम किया।
अंत में रन नहीं देने की कर रहा था कोशिश
पहले तीन विकेट चहल ने जल्दी-जल्दी झटक लिए लेकिन चौथे विकेट के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने गेंद को फ्लाइट की और स्टंप्स के बाहर गेंदबाजी की। इस स्थिति में गेंदबाजी के बारे में चहल ने कहा, उनके सात-आठ विकेट गुर चुके थे मुझे मालूम था कि वो मेरे ऊपर गेंद फेंकने का इंतजार कर रहे थे क्योंकि उनके अंदर इतनी ताकत है कि वो सामनी की ओर बड़ा शॉट खेल सकते हैं। तो मैं यह सोच रहा था कि यहां मैं रन बचाऊं अगर मुझे विकेट नहीं भी मिलता है तो ये टीम के लिए अच्छा रहेगा। अगर इस छोर से मैं दबाव बनाने में सफल रहा तो दूसरे छोर पर टीम को सफलता मिल सकती है।