नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच शुरुआत से ही रोचक होते रहे हैं। आजादी के बाद हुए विभाजन के बाद दोनों टीमें एक दूसरे की कट्टर प्रतिद्वंद्वी बनती चली गईं। दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों का असर भी दोनों टीमों के खेल में दिखाई देने लगा। जब भी इन दोनों टीमें आमने सामने होतीं दोनों देशों में पहिए रुक जाते। कोई भी टीम अंतिम पल तक हार मानने को तैयार नहीं होती थी। ऐसा ही एक यादगार मैच 18 अप्रैल 1986 को शारजाह में खेला गया था जिसकी याद आज भी प्रशंसकों के जेहन में जस की तस बनी हुई है और वो जख्म आज भी दर्द दे जाते हैं।
मियांदाद बने थे हीरो, चेतन शर्मा विलेन
ये वो मैच था जिसने जावेद मियांदाद और चेतन शर्मा का नाम दोनों देशों के घर-घर तक पहुंचा दिया था। इस मैच में अंतिम गेंद पर जीत के लिए पाकिस्तान को 4 रन की दरकार थी लेकिन जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का जड़ दिया और पाकिस्तान को 1 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिला दी। इस मैच में शानदार शतक जड़ने वाले मियांदाद पाकिस्तान में हीरो और चेतन शर्मा भारत में विलेन बन गए थे।
भारत ने पाकिस्तान को दिया 246 रन का लक्ष्य
शारजाह में खेले गए ऑस्ट्रेलेशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए कृष्णमाचारी श्रीकांत(75), सुनील गावस्कर(92) और दिलीप वेंसरकर(50) की शानदार पारियों की बदौलत भारतीय टीम ने 50 ओवर में 7 विकेट पर 245 रन का स्कोर खड़ा किया। टॉप ऑर्डर की शानदार बल्लेबाजी के बाद भारतीय मध्यक्रम वसीम अकरम और इमरान खान की घातक गेंदबाजी की आगे लड़खड़ा गया था। वसीम अकरम ने 3 और इमरान खान ने 2 विकेट लिए थे।
पाकिस्तान की खराब शुरुआत
ऐसे में जीत के लिए 246 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने जल्दी-जल्दी 3 विकेट गंवा दिए। ऐसे में जावेद मियांदाद ने एक छोर थामते हुए छोटी-छोटी साझेदारियां करनी शुरू की। उन्हें थोड़ी देर सलीम मलिक और थोड़ी देर अब्दुल कादिर का साथ मिला लेकिन वो दोनों भी 181 रन तक पवेलियन लौट गए थे। ऐसे में मियांदाद ने एक छोर थाम लिया और पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ रन जोड़ने शुरू किए।
आखिरी गेंद पर जड़ दिया छक्का
209 पर इमरान खान भी पवेलियन लौट गए। ऐसे में भारतीय टीम जीत की तरफ बढ़ती दिखने लगी लेकिन मियांदाद अड़े रहे और मैच को आखिरी ओवर तक ले गए। ऐसे में कप्तान कपिल देव ने आखिरी ओवर में गेंद युवा गेंदबाज चेतन शर्मा की ओर बढ़ा दी। भारत के लिहाज से आखिरी गेंद तक सबकुछ ठीक था और जीत के लिए पाकिस्तान को 4 रन की दरकार थी और स्ट्राइक पर मियांदाद थे। ऐसे में चेतन शर्मा ने मियांदाद के खिलाफ यॉर्कर फेंकने की कोशिश की जो कि लोअर फुलटॉस बन गई। जिसे उन्होंने मिडविकेट की दिशा में सीधे छह रन के लिए पहुंचा दिया और पाकिस्तान को यादगार जीत दिला दी।
आज भी जब कभी पाकिस्तान और भारत के बीच मैच रोमांचक मैचों का जिक्र होता है तब-तब इस मैच का जिक्र जरूर होता है। इस मैच के बाद चेतन शर्मा ने भारत के लिए कई साल क्रिकेट खेली लेकिन लोग इस मैच की आखिरी गेंद पर पड़े छक्के को कभी नहीं भुला पाए। आखिरी गेंद पर छक्का चेतन शर्मा के पूरे करियर की धुरि बन गया आज भी वो इससे पीछा नहीं छुड़ा सके हैं।