- पाकिस्तान के पूर्व पेसर शोएब अख्तर को साल 2011 के विश्वकप सेमीफाइनल मैच नहीं खेलने का आज भी मलाल है
- कप्तान शाहिद अफरीदी के साथ थे मतभेद, इस कारण अंतिम एकादश में नहीं दी थी जगह
- भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 29 रन से हराकर फाइनल में बनाई थी जगह
Shoaib akhtar : रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर पाकिस्तान के पूर्व तूफानी तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को आज तक भारत के खिलाफ मोहाली में खेले गए विश्व कप के सेमीफाइनल में नहीं खेलने का अफसोस है। इस आइसीसी वनडे विश्व कप की मेजबानी भारत ने की थी और सेमीफाइनल में पाकिस्तान और फाइनल में श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था। 46 साल के हो चुके शोएब अख्तर ने कहा कि यदि वह मोहाली में खेले गए आइसीसी विश्व कप के सेमीफाइनल में खेलते तो आज कहानी कुछ अलग होती और शायद भारतीय टीम विश्व कप चैंपियन भी नहीं बन पाती।
काश मैं खेलता तो कहानी अलग होती
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, मैं जानता था कि विश्व कप मेरे करियर का आखिरी टूर्नामेंट है। भारत के खिलाफ सेमीफाइनल मैैच खेलने के लिए मैं बहुत बेताब था। मोहाली की पिच तेज गेंदबाजी के लिए बहुत अच्छी थी। मैं यहां जितनी अधिक तेज होती, उतनी अधिक पेस से गेंदबाजी करता। यदि हम भारतीय टीम के शुरुआती 2-3 विकेट जल्द गिरा देते तो भारतीय टीम के लिए संभलना बेहद मुश्किल हो जाता। हम भारत को इस मैच में हरा सकते थे और यदि ऐसा होता तो भारतीय टीम विश्व कप नहीं जीत पाती बल्कि हम चैंपियन बनते।
अफरीदी ने की करियर की सबसे बड़ी गलती
शोएब ने कहा कि यह बात सही है कि उस समय के पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी के साथ उनके मतभेद थे। लेकिन बात जब देश की आती है और सामने विपक्षी टीम भारत हो तो मतभेद भुलाए भी जा सकते थे। शोएब ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि उन्हें अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया है तो वह समझ गए कि अफरीदी अपने करियर की सबसे बड़ी गलती कर रहे हैं और आखिर में मैं सही साबित हुआ।
श्रीलंका को हरा चैंपियन बना था भारत
भारत ने सेमीफाइनल में 9 विकेट पर 260 रन बनाकर पाकिस्तान को 29 रन से शिकस्त दी थी। इसके बाद भारतीय टीम ने वानखेडे में खेले गए फाइनल में श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद खिताब जीता था। 02 अप्रेल को खेले गए फाइनल में श्रीलंका ने 06 विकेट पर 276 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की नाबाद 91 रन की पारी से 4 विकेट पर 277 रन बनाकर जीत दर्ज की थी।