- वहाब रियाज ने कहा पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों को यूएई में खेलने से हुआ बड़ा नुकसान
- स्पिनर्स के लिए मुफीद थीं यूएई की पिचें
- साल 2009 के बाद यूएई बना था पाकिस्तान का आधिकारिक होम ग्राउंड
नई दिल्ली: इन दिनों पाकिस्तान के कई पूर्व और मौजूदा क्रिकेट खिलाड़ी कैरेबियन प्रीमियर लीग में धमाल मचा रहे हैं। ऐसे में अपने प्रदर्शन से सबसे ज्यादा सुर्खियां मोहम्मद आमिर और वहाब रियाज जैसे अनुभवी तेज गेंदबाज बटोर रहे हैं।
एक दौर था जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों की तूती बोलती थी लेकिन धीरे-धीरे उनकी धार कम पड़ती गई। पाकिस्तान में तेज गेंदबाजों का ऐसा हाल था कि एक ढूंढने पर हजार मिलते थे। लेकिन तकरीबन 10 साल घर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन नहीं होने का असर पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी पर पड़ा है। इस बात की तस्दीक वहाब रियाज ने की है।
साल 2009 के बाद यूएई बना पाकिस्तान का होम ग्राउंड
साल 2009 में श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर लाहौर में हुए आतंकी हमले के बाद दूसरी टीमों ने पाकिस्तान दौरे पर जाने से इनकार कर दिया था। ऐसे में पीसीबी ने यूएई को अपने होम ग्राउंड के रूप में चुना और तकरीबन दस साल वहां विदेशी टीमों की मेजबानी की। ऐसे में वहाब रियाज का मानना है कि इस फैसले से तेज गेंदबाजों को कोई फायदा नहीं हुआ। वहाब को लगता है कि वो पाकिस्तानी टीम के लिए और अधिक मैच खेल सकते थे लेकिन यूएई की पिचें स्पिनर्स के लिए मददगार थीं जिसका असर पाकिस्तान के कई तेज गेंदबाजों के करियर पर पड़ा। यूएई का पाकिस्तानी टीम का होम ग्राउंड होना पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों के लिए घातक सिद्ध हुआ।
यूएई में बर्बाद हो गया पेसर्स का करियर
36 वर्षीय वहाब ने कहा, मुझे लगता है कि मैं पाकिस्तान के लिए और कई मैच खेल सकता था। लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ा पाकिस्तान के घरेलू मैचों को यूएई शिफ्ट करना रहा जहां तेज गेंदबाजों की तुलना में स्पिनर्स की आवश्यक्ता अधिक थी। यूएई में मेजबानी करना पाकिस्तान के कई तेज गेंदबाजों के करियर के लिए हानिकारक साबित हुआ। जिसमें मैं भी शामिल हूं। लेकिन भविष्य के गर्त में क्या छिपा है किसे मालूम हो सकता है मैं पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए और मैच खेल पाता।
चयनकर्ताओं द्वारा नजरअंदाज करना रहा बेहद निराशाजनक
वहाब ने पाकिस्तानी चयनकर्ताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा, एक खिलाड़ी के रूप में चयनकर्ताओं द्वारा आपको नजरअंदाज करना बेहद निराशाजनक होता है। मुझे लगता है कि ये चीजें थोड़ी अलग हो सकती थीं। मुझे पाकिस्तान के लिए खेलने के ज्यादा मौके दिए जा सकते थे। लेकिन उस समय निर्णय चयनकर्ताओं को ही लेना था और उनके पास मुझे टीम में नहीं चुने जाने की वजह रही होगी। मैं यही आशा करता हूं कि पाकिस्तानी चयनकर्ता जो सोच रहे हैं वो पाकिस्तान के क्रिकेट की बेहतरी के लिए सर्वश्रेष्ठ हो।