- फिटनेस और विराट कोहली का चोली-दामन का नाता है
- विराट कोहली से प्रधानमंत्री नरेंद्न मोदी ने यो-यो टेस्ट के बारे में पूछा
- फिट इंडिया मूवमेंट की पहली वर्षगांठ पर दोनों के बीच रोचक संवाद हुआ
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली का फिटनेस से गहरा नाता है। भारतीय क्रिकेट के वह सबसे फिट क्रिकेटर माने जाते है और उनके बारे में कहा जाता है कि फिटनेस और विराट कोहली का चोली-दामन का नाता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि कोहली देश के सबसे फिट खिलाड़ियों में शुमार होते हैं। गुरुवार को फिट इंडिया मूवमेंट की पहली वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोहली से पूछ ही लिया कि उनकी फिटनेस का राज क्या है और क्या वह भी अपना यो-यो टेस्ट कराते हैं?
भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान की पहली वर्षगांठ पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कोहली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुखातिब थे। इस दौरान दोनों के बीच रोचक संवाद हुआ, बातचीत हुई। इस अभियान के एक साल होने पर वब खासतौर पर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री से मुखातिब हुए। गौर हो कि कोहली इन दिनों आईपीएल को लेकर यूएई में हैं।
PM मोदी ने पूछा यो-यो टेस्ट पर सवाल
इस संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कोहली से यो-यो टेस्ट और थकान के बारे में सवाल पूछा जिसका विराट कोहली ने अपने अंदाज में जवाब दिया। कोहली ने कहा कि आजकल लाइफ की डिमांड ज्यादा हो गई है। फिटनेस को नहीं इंप्रूव करेंगे तो खेल में पीछे छूट जाएंगे। खेल में सफलता के लिए सिर्फ स्किल ही नहीं शरीर और दिमाग कितना तंदरुस्त है, ये भी मायने रखता है। प्रधानमंत्री ने कोहली से पूछा कि आपको कभी थकान नहीं लगती? जिस पर कोहली बोले, ईमानदारी से कहूं तो थकान हर किसी को होती है। अगर आप शारीरिक मेहनत करेंगे तो थकान लगेगी। लेकिन अगर आपका लाइफस्टाइल अच्छा है, अच्छा खा रहे हैं, नींद अच्छी है तो आपकी रिकवरी तेज होगी। अगर मैं थक रहा हूं और एक मिनट में दोबारा तैयार हो जाता हूं, यह मेरा प्लस प्वाइंट है।
'आजकल टीम के लिए यो-यो टेस्ट हो रहा है'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजकल टीम के लिए यो-यो टेस्ट हो रहा है। क्या कैप्टन को भी ये टेस्ट कराना पड़ता है? इस पर भारत और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर टीम के कप्तान कोहली ने फिटनेस के लिहाज से यो-यो टेस्ट को बहुत जरूरी बताया। कोहली ने कहा कि इससे टीम का फिटनेस लेवल बढ़ता है। टेस्ट मैच में फिटनेस बहुत जरूरी है। टी-20 और वन डे की तुलना में टेस्ट मैच पांच दिन खेलना होता है। इसमें फिटनेस स्टैंडर्ड ज्यादा मायने रखता है। इसीलिए यो-यो टेस्ट में मैं भी भाग लेता हूं। अगर मैं भी फेल हो जाऊंगा तो सलेक्शन के लिए उपलब्ध नहीं रहूंगा। स्किल हमारे पास हमेशा से रही है, लेकिन फिटनेस भी जरूरी होता है। फिटनेस की वजह से अब हमारे रिजल्ट बेहतर आ रहे हैं।
विराट के लिए जरूर है प्रैक्टिस
विराट कोहली बातचीत में कहा कि जिस पीढ़ी में हमने खेलना शुरू किया, चीजें बहुत तेजी से बदलीं। विराट ने बताया कि हमारे स्किल में प्राब्लम नहीं थी, लेकिन फिटनेस में प्रभाव पड़ रहा था। फिटनेस प्रायरिटी होनी चाहिए। प्रैक्टिस मिस हो जाए तो मुझे खराब नहीं लगता। लेकिन फिटनेस छूट जाए तो खराब लगता है। (भाषा इनपुट के साथ)