- प्रणव धनावड़े ने आज ही के दिन नाबाद 1009 रन की पारी खेली थी
- प्रणव धनावड़े ने 117 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था
- इससे पहले एईजे कोलिंस ने 1889 में स्कूल लेवल पर एक इनिंग में 628 रन बनाए थे
मुंबई: मुंबई का स्कूल ब्वॉय सुर्खियों में छा गया था। ऐसा होता भी क्यों नहीं, इस वंडर ब्वॉय ने एक पारी में 1,000 से ज्यादा रन जो बनाए थे। यह कोई और नहीं बल्कि मशहूर प्रणव धनावड़े हैं, जिन्होंने पांच साल पहले आज ही के दिन जूनियर क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाया था। तब 15 साल के प्रणव धनावड़े ने केवल 327 गेंदों में 129 चौके और 59 छक्के की मदद से नाबाद 1009 रन बनाए थे। ये किसी भी फॉर्मेट और लेवल पर एक इनिंग का बेस्ट स्कोर है यानी प्रणव के नाम पर वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हो चुका था।
प्रणव ने 117 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। उनसे पहले भारत में ही जन्मे एईजे कोलिंस ने 1889 में स्कूल लेवल पर एक इनिंग में 628 रन बनाए थे। प्रणव ने एक पारी में 188 गेंदों को बाउंड्री के बाहर का रास्ता दिखाया। प्रणव की इस पारी की बदौलत ने उनके स्कूल केसी गांधी इंग्लिश स्कूल ने आर्य गुरुकुल स्कूल के खिलाफ 1465 रन पर पारी समाप्त घोषित की। यह किसी भी प्रारूप में किसी भी टीम का सबसे बड़ा स्कोर है। 1926 में विक्टोरिया की टीम ने न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ 1,107 रन बनाए थे।
पृथ्वी शॉ को पछाड़ा
इसके साथ ही प्रणव धनावड़े ने पृथ्वी शॉ के 546 रनों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। पृथ्वी शॉ ने दो साल पहले ही हैरिस शील्ड ट्रॉफी में यह पारी खेली थी। प्रणव भारतीय कप्तान विराट कोहली को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं। उन्हें अलग-अलग टूर्नामेंट में चार बार सबसे ज्यादा रन बनाने के लिए ट्रॉफी मिल चुकी थी। प्रणव के पिता ठाणे में ऑटो रिक्शा चलाते हैं। मुंबई में स्कूली क्रिकेट के दो बड़े टूर्नामेंट हैं, हैरिस शील्ड और जाइल्स शील्ड, जबकि एचटी भंडारी कप मुंबई से सटे ठाणे जिले के स्कूलों के लिए आयोजित किया जाता है।
लौटा दी स्कॉलरशिप
प्रणव धनावड़े को नाबाद 1009 रन की पारी के बाद आर्थिक मदद देने के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने स्कॉलरशिप दी थी। इसके तहत उन्हें अगले पांच साल तक हर महीने 10 हजार रुपए मिलना तय हुआ था। प्रणव और उनकी फैमिली ने लाखों रुपए की स्कॉलरशिप यह कहते हुए बंद करने की गुजारिश की है कि प्रणव अब उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं इसलिए वे यह पैसे नहीं ले सकते।
धमाकेदार पारी के बाद प्रणव चर्चाओं में तो आए पर उसके बाद वह कोई कमाल नहीं कर पाए। मुंबई की अंडर-19 टीम में भी वह जगह नहीं बना पाए। उनके पिता प्रशांत धनावड़े और कोच मोबिन शेख ने माना कि लोकल लेवल पर भी वह अच्छे स्कोर नहीं कर पा रहा था। हालांकि, कल्याण में उसे उस हिसाब की ट्रेनिंग नहीं मिल पाई। इसी के बाद धनावड़े के पिता ने MCA को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया कि तत्काल प्रभाव से स्कॉलरशिप बंद कर दी जाए।
स्कॉलरशिप लौटाने का फैसला प्रणव और कोच ने मिलकर लिया था। कोच का कहना था कि प्रणव उस धमाकेदार पारी के बाद अच्छे से खेल नहीं पा रहा था। वह दबाव महसूस कर रहा था। कई लोगों को लगता है, लोग कमेंट करते हैं कि उस पारी के बाद प्रणव ने भारी भरकम पैसा बना लिया था। लोग कहने लगे थे कि प्रणव को बांद्रा में घर मिलने वाला है। ये सब फर्जी बाते थीं। इसलिए हम पैसे लेकर बाद में ये नहीं सुनना चाहते कि पैसे भी लिया और कुछ किया नहीं।