नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। प्रवीण ने कहा कि डिप्रेशन के चलते वह कुछ महीनों पहले खुदकुशी करना चाहते थे। वह खुदकुशी करने के मकसद से रिवॉल्वर लेकर हरिद्वार जा रहे हाईवे पर निकल पड़े थे लेकिन कार में बच्चों की तस्वीर देखकर उन्होंने अपना इरादा बदल लिया। कुमार डिप्रेशन के शिकार रहे हैं और इस वक्त उनकी थेरेपी और दवा चल रही है। अपनी स्विंग के लिए मशहूर रहे पूर्व तेज गेंदबाज ने अपनी आखिरी मैच आठ साल पहले खेला था। उन्होंने भारत के असावा इंडियन आईपीएल में कई टीमों के साथ भी खेला है। वह यूपी के अंडर-23 टीम के बॉलिंग कोच बने लेकिन उनका यह कार्यकाल छोटा ही रहा।
कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में डिप्रेशन के बारे में बात करते हुए कहा, 'क्या है यह सब? बस खत्म करते हैं।' उन्होंने कहा कि मेरठ में एक बार सुबह-सुबह मैं घरवालों को सोता छोड़कर बाहर निकल गया था। मेरे हाथ में पिस्टल थी और मैं गाड़ी लेकर हरिद्वार हाईवे पर निकल गया था। मैं उस समय जीवन से इतना निराश हो गया था कि मेरे मन में ये गलत फैसला आ गया था। लेकिन फिर मुझे अहसास हुआ कि मेरे फूल जैसे बच्चे हैं, मैं ऐसा करके उन्हें नरक में नहीं डाल सकता। इसके बाद मैंने अपना इरादा बदल लिया।
कुमार ने कहा कि भारत में डिप्रेशन का कॉन्सेप्ट ही कहां होता है? इसके बारे में कोई नहीं जानता और मेरठ में बिलकुल भी नहीं। मैं किसी से बात नहीं कर सकता था, मुझे हमेशा चिढ़चिढ़ापन महसूस होता था। मैंने अपने काउन्सलर को बताया कि मैं अपने विचारों पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले तक मुझे अपने आप से डर लगता था। बुरे वक्त का आप पर यही असर होता है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई मेरे फोन का जवाब नहीं देता था तो मुझे बहुत बुरा लगता था। मैं खुद को नेगलेक्टेड समझता था। यह मुझे अंदर ही अंदर खा जाता था। अच्छी बात यह है कि बुरा वक्त बीत चुका है। प्रवीण फिर वापस आएगा। गौरतलब है कि प्रवीण कुमार एक वक्त भारतीय टीम के अहम गेंदबाज रहे थे। उन्होंने भारत के लिए 6 टेस्ट, 68 वनडे और 10 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने तीनों फॉर्मेट में कुल 112 विकेट अपने नाम किए। उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 30 मार्च 2012 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। यह टी20 मुकाबला था।