- क्विंडन डिकॉक ने बनाए भारत के खिलाफ वनडे सीरीज में सबसे ज्यादा रन
- विकेटकीपिंग में भी किया शानदार प्रदर्शन
- ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत डिकॉक ने जीता प्लेयर ऑफ द सीरीज पुरस्कार
केपटाउन: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज में मेजबान टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने धमाकेदार प्रदर्शन किया। अपनी फेवरेट टीम के गेंदबाजों को उन्होंने सीरीज में जमकर रन बनाए। पार्ल में सीरीज के पहले मैच में वो 27 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। लेकिन इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी करते हुए दूसरे मुकाबले में 78 और तीसरे में 124 रन की मैच जिताऊ पारियां खेलीं और टीम की जीत में अहम भूमिका अदा की। उन्हें तीसरे वनडे में मैन ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।
सेंचुरियन में टीम की हार के बाद टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास का ऐलान करने के बाद डिकॉक के ऊपर वनडे सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था। हालांकि वो पहले टेस्ट के बाद पैटर्निटी लीव पर जाने वाले थे लेकिन उन्होंने महज 29 साल की उम्र में ही टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला कर लिया।
तीन मैच में बनाए सबसे ज्यादा रन
वनडे सीरीज में डिकॉक ने 3 मैच की 3 पारियों में 76.33 के औसत और 96.92 के स्ट्राइक रेट से 229 रन बनाए। उन्होंने सीरीज में एक शतक और एक अर्धशतक जड़ा। वो सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उनके बाद दूसरे पायदान पर रासी वान डर डुसें रहे। उन्होंने 218 के औसत और 112.95 के स्ट्राइकरेट से 218 रन बनाए और सीरीज में केवल एक बार आउट हुए। उन्होंने 1 शतक और 1 अर्धशतक जड़ा। नाबाद 129* रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा।
विकेटकीपिंग ने भारी की प्लेयर ऑफ द सीरीज पर दावेदारी
शानदार बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेट के पीछे ग्लव्स के साथ प्रदर्शन की बदौलत वो प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए। उन्होंने कई कैच लपके और कुछ अहम स्टंपिंग्स भी की। जो डुसें के प्रदर्शन पर भारी पड़ गया। प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने जाने के बाद डिकॉक ने अपनी सफलता का राज बताते हुए कहा, मैंने सीरीज के दौरान सकारात्मक रहने की कोशिश की। भारत के खिलाफ वनडे में छठा शतक जड़ने और 1000 रन पूरे करने के बारे में उन्होंने कहा, मुझे भारत के अलावा अन्य टीमों के खिलाफ रन बनाना पसंद है।
सकारात्मक रहने का मिला परिणाम
टेस्ट मैचों के आराम के बाद मुझे वापसी के लिए एक सप्ताह ट्रेनिंग करनी पड़ी। मैंने लंबे समय से वनडे क्रिकेट नहीं खेली थी इसलिए पहले मैच में मैंने लय हासिल करने की कोशिश की। उसके बाद आगे के मैचों में चीजें आसान हो गईं।