- सुरेश रैना ने साल 2005 में वनडे और साल 2010 में किया था टेस्ट डेब्यू
- श्रीलंका के खिलाफ दोनों फॉर्मेट में सुरेश रैना ने किया था करियर का आगाज
- एक ही दिग्गज खिलाड़ी ने उन्हें दोनों ही बार सौंपी थी डेब्यू कैप
नई दिल्ली: भारत के बांए हाथ के धाकड़ बल्लेबाज रहे सुरेश रैना ने कैप्टन कूल के साथ कदम से कदम मिलाते हुए 15 अगस्त की शाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। सुरेश रैना की पहचान ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी की रही जो बैटिंग, बॉलिंग फील्डिंग तीनों विधाओं में पारंगत था। साल 2005 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत रैना ने 30 जुलाई 2005 को श्रीलंका के खिलाफ डम्बूला में की थी। इसके पांच साल बाद श्रीलंका के ही खिलाफ रैना ने 26 जुलाई 2010 को टेस्ट डेब्यू भी किया था। वो टेस्ट डेब्यू में शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज भी बने थे।
साल 2005 में जब रैना ने वनडे और 2010 में टेस्ट डेब्यू किया था तो दोनों ही मौकों पर एक बात कॉमन थी। दोनों ही बार उन्हें कैप राहुल द्रविड़ ने दी थी। साल 2005 में द्रविड़ ने बतौर कप्तान रैना को डेब्यू कैप सौंपी थी। वहीं साल 2010 में धोनी की कप्तानी में रैना ने टेस्ट डेब्यू किया था और इस बार भी टीम के सीनियर खिलाड़ी के रूप में खेल रहे राहुल द्रविड़ ने ही उन्हें टेस्ट कैंप दी थी। रैना अपने पहले वनडे मैच में अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे और मुरलीधरन का सामना करते हुए पहली ही गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए थे। हालांकि टेस्ट डेब्यू में रैना ने इस असफलता को पीछे छोड़ते हुए 120 रन की पारी खेली थी।
भारत की सफलता में रहा बड़ा योगदान
बीसीसीआई की ओर से जारी वीडियो में राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट के लिए रैना के योगदान की तारीफ करते हुए कहा कि डेढ़ दशक में भारत की सफलता में सुरेश रैना का बड़ा हाथ रहा है। मुझे लगता है कि सफेद गेंद की क्रिकेट में उनका योगदान शानदार रहा है। वह विश्व कप विजेता और चैंपियंस ट्रॉफी विजेता हैं। उसने मैदान पर काफी योगदान दिया। जिस तरह उसने फील्डिंग के स्तर को ऊंचा किया उसमें उसकी ऊर्जा, उसका उत्साह कमाल का था।
ऐसा रहा रैना का अंतरराष्ट्रीय करियर
रैना ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 18 टेस्ट, 226 एकदिवसीय और 78 टी-20 मैच खेले। इस दौरान उन्होंने मध्यम क्रम में बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट में 26.48 की औसत से 768, वनडे में 35.31 की औसत से 5,615 और टी20 में 29.18 की औसत से 1,605 रन बनाए। उन्होंने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 7 शतक और 48 अर्धशतक जड़े। इसी दौरान वो तीनों फॉर्मेट में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। उन्होंने गेंदबाजी करते हुए भारत के लिए टेस्ट और टी20 में 13-13 और वनडे क्रिकेट में 36 विकेट लिए।