- राशिद लतीफ ने भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट के बीच फर्क बताया
- लतीफ ने कहा कि 2010 के बाद से भारतीय क्रिकेट पाकिस्तान से मीलों आगे आ चुका है
- लतीफ ने भारतीय टीम की कोचिंग प्रणाली की तारीफ की, जिसकी मदद से देश प्रतिभाएं लेकर आया
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान उप-महाद्वीप में क्रिकेट के दो पावरहाउस हैं, लेकिन पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने दोनों देशों के बीच एक प्रमुख फर्क बताया है। लतीफ ने भारत को मैदान में सफलता के मामले में पाकिस्तान से बेहतर बताया है। जहां पाकिस्तान के पास बाबर आजम, शाहीन अफरीदी, यासिर शाह, इमाम उल हक, शादाब खान आदि है, वहीं पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज लतीफ का मानना है कि खेल पहलु में दोनों देशों के बीच एक प्रमुख फर्क है।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने 80 और 90 के दशक में जबर्दस्त सफलता का आनंद उठाया है। उस समय पाकिस्तान की टीम भारत पर हावी हुआ करती थी। 2000 के दशक में लहर बदलने लगी और 2010 के बाद भारतीय टीम पूरी तरह पाकिस्तान पर हावी होने लगी।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ के मुताबिक शक्तिशाली बनने का प्रमुख कारण है भारतीय टीम की कोचिंग ईकाई। चाहे जूनियर स्तर की हो या फिर सीनियर स्तर की। उनका मानना है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने भारत को पाकिस्तान को पीछे छोड़ने में मदद की।
राशिद लतीफ ने माय मास्टर क्रिकेट कोच नामक यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए कहा, '2010 के बाद भारतीय क्रिकेट बढ़ रहा है जबकि हम गिरावट पर हैं। हम अपने कोचों को वैज्ञानिक रूप से तैयार नहीं कर पा रहे हैं और कोरी आंखों से किसी की प्रतिभा पर अधिक विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। 2010 से भारत में आईपीएल बड़ी भूमिका निभा रहा है, जो प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का पूल तैयार कर रहा है। विदेशी कोचों से भी उन्हें काफी मदद मिल रही है।'
कोचिंग है सबसे बड़ा फर्क: लतीफ
लतीफ ने आगे कहा, 'पूर्व खिलाड़ियों और विदेशी कोचों ने भारतीय खिलाड़ियों को विकसित करने में काफी मदद की है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र सबसे बड़ा फर्क है। हमने पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों को कोचों के रूप में नियुक्त किया और ज्यादा पीएसएल फ्रेंचाइजी ने उन्हें उनकी टीम के साथ अनुमति नहीं दी। यह बहुत बड़ी समस्या है।'
भारतीय टीम ने अपने पूर्व खिलाड़ियों राहुल द्रविड़, रवि शास्त्री, सौरव गांगुली की कोचिंग और प्रशासनिक भूमिकाओं में सेवाएं ली। जहां द्रविड़ ने जूनियर भारतीय टीम के साथ 2018 अंडर-19 विश्व कप खिताब जीता। वहीं शास्त्री सीनियर टीम को मार्गदर्शन देकर भारतीय क्रिकेट को नई बुलंदियों पर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष बन चुके हैं। पाकिस्तान ने भी देरी से इसी मॉडल को फॉलो करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें इसका ईनाम अब तक मिला नहीं है।