- भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका वनडे सीरीज
- अफ्रीकी टीम ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई
- पहले वनडे में ड्यूसेन का बल्ला जमकर चला
भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला वनडे 31 रन से गंवा दिया। दक्षिण अफ्रीका ने 297 रन का टारगेट दिया था पर भारतीय टीम निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट पर 265 रन ही बना सकी। दक्षिण अफ्रीकी पारी एक समय लड़खड़ाते हुए नजर आ रही थी, लेकिन रस्सी वैन डेर ड्युसेन और कप्तान तेम्बा बावुमा की शानदार शतक के दम पर टीम तीन सौ के आंकड़े के करीब पहुंचने में सफल रही। ड्युसेन ने 96 गेंदों में 9 चौकों और 4 छक्कों की बदौलत नाबाद 129 रन बनाए। वहीं, बावुमा ने 143 गेंदों में 8 चौकों के जरिए 110 रन की पारी खेली।
टीम इंडिया पर्ल के बोलैंड पार्क स्टेडियम में दो स्पिनर- रविचंद्रन अश्विन और युजवेंद्र चहल के साथ उतरी थी लेकिन कोई खास फाएदा नहीं हुआ। अश्विन ने 10 ओवर में 53 रन खर्च कर एक विकेट झटका। वहीं, चहल ने इतने ही ओवर में 53 रन देने के बाद कोई विकेट हासिल नहीं किया। दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने भारतीय स्पिनरों को हावी होने का कोई मौका नहीं दिया। 'शतकीवर' ड्यूसेन ने स्पिनरों पर दबाव बनाने के लिए रिवर्स स्वीप खेलने का पैंतरा आजमाया, जिससे भारत को बड़ा नुकसान हुआ।
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ड्यूसेन ने खुलासा किया कि वह जानते थे कि रिवर्स स्वीप के बगैर काम नहीं चलेगा। उन्होंने वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'जब मैंने क्रीज पर कदम रखा तब स्कोर तीन विकेट पर 68 रन था। गेंद थोड़ा टर्न ले रही थी और इसलिए मैं जानता था कि मुझे स्वीप शॉट खेलने होंगे। आम तौर पर यहां का विकेट काफी धीमा होता है। मैंने रिवर्स स्वीप खेलने का भी प्रयास किया। मैंने उन पर (भारतीय स्पिनरों) दबाव बनाने की कोशिश की।'
ड्यूसेन ने अश्विन और चहल के खिलाफ अच्छी तरह से स्वीप शॉट खेलने का श्रेय नेट्स पर कड़े अभ्यास को दिया। उन्होंने कहा, 'पर्ल में परिस्थितियां आमतौर पर स्पिनरों और धीमी गेंदबाजों के अनुकूल होती हैं। जिस तरह से हमने वेस्टइंडीज में टी20 सीरीज से लेकर श्रीलंका में सीरीज और टी20 विश्व कप तक अपने खेल कौशल को निखारा उसका फायदा मिला।' उन्होंने कहा, 'दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को तेज गेंदबाजों पर हावी होने के लिये जाना जाता है लेकिन हमने स्पिनरों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने के लिये लगातार कड़ी मेहनत की जिससे बहुत मदद मिली।'