- रविचंद्रन अश्विन ने फिर से इस नियम पर छेड़ी बहस
- भारतीय ऑफ स्पिनर पहले भी इस मुद्दे को लेकर रहे हैं चर्चा में
- एक के बाद एक कई ट्वीट करके सोशल मीडिया पर छेड़ी बहस
नई दिल्ली: अक्सर बल्लेबाजों को नॉन स्ट्राइकर छोर पर गेंदबाज के गेंद छोड़ने से पहले ही जल्दी क्रिज छोड़ते देखा गया है, जिसके कारण वह आसानी से तेजी से रन भाग लेता है। अश्विन ने इसे रोकने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं और कहा कै तकनीक की मदद से बल्लेबाज और गेंदबाज के बीच की समानता को बनाए रखा जा सकता है।
अश्विन ने कई ट्वीट्स करते हुए इस बारे में अपनी राय रखी। उन्होंने लिखा, उम्मीद है कि तकनीक इस बात पर ध्यान देगी कि कहीं बल्लेबाज गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले क्रिज छोड़ रहा है और ऐसे में उस गेंद पर बनाए गए रनों को रद्द कर देगी। इससे समानता को बनाए रखा जा सकता है।
गेंदबाज को है क्या नुकसान?
अश्विन ने इसके बाद बताया कि नॉन स्ट्राइकर छोर पर बल्लेबाज के गेंदबाज द्वारा गेंद छोड़ने से पहले क्रीज छोड़ने का गेंदबाज को क्या नुकसान है। उन्होंने कहा कि बल्लेबाज ऐसा या तो जल्दी स्ट्राइक बदलने या फिर एक रन को दो में तब्दील करने के लिए करते हैं।
मैं अपनी काबिलियत से आपको बताता हूं
अश्विन ने ट्वीट किया, आप में कई लोग इसमें असमानता को नहीं देख पाते हैं। इसलिए मैं अपनी काबिलियत से आपको इसके बारे में बता देता हूं। अगर नॉन स्ट्राइकर दो फीट आगे है और इसी कारण वह दो रन लेने में सफल रहता है तो वह सामने वाले बल्लेबाज को दोबारा स्ट्राइक पर ले आएगा।
अगली गेंद पर वो मुझे चौका-छक्का मार सकता है
उन्होंने कहा, उसी बल्लेबाज के दोबारा सामने आने पर अगली गेंद पर वह मुझे चौका या छक्का मार सकता है और इससे मुझे एक रन की जगह कुल सात रनों का नुकसान हुआ, और हो सकता कि अगर स्ट्राइक पर कोई अलग बल्लेबाज होता तो गेंद खाली भी हो जाती। यही बात टेस्ट मैच में है, जहां बल्लेबाज स्ट्राइक से हटना चाहता हो तो वो ऐसा कर सकता है।
अश्विन मैदान में आजमा चुके हैं इसे
अश्विन कई बार इसी तरह की चीजों को रोकने के लिए मांकड़ नियम का उपयोग करते हुए देखे गए हैं। आईपीएल के पिछले सीजन में उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब से खेलते हुए राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज जोस बटलर को नॉन स्ट्राइकर छोर पर मांकड आउट किया था। अश्विन ने कहा कि इससे बल्ले और गेंद के बीच समानता बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा, यह गेंदबाजों के लिए मुश्किल माहौल में संतुलन लाने का समय है। हम इसके लिए उसी तकनीक का उपयोग कर सकते हैं जो हम टी-20 में नो बॉल के लिए करते हैं।