- रिषभ पंत ने 2019 विश्व कप के बाद अपने संघर्ष भरे दिनों को याद किया
- पंत ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जबर्दस्त प्रदर्शन किया
- पंत ने दो अर्धशतकों के साथ 274 रन बनाए और टेस्ट करियर में 1,000 रन का आंकड़ा पार किया
नई दिल्ली: रिषभ पंत 2019 विश्व कप के बाद सभी गलत कारणों से सुर्खियों में थे। विश्व कप के बाद एमएस धोनी लंबे ब्रेक पर थे, तब पंत पर पूरे देश की नजरें थी कि वह पूर्व भारतीय कप्तान की जगह भरके अपना नाम स्थापित करें। हालांकि, पंत मिले मौकों का फायदा नहीं उठा पाए। 2020 में वह सीमित ओवर टीम से अपनी जगह गंवा बैठे क्योंकि केएल राहुल ने यह जिम्मेदारी बखूबी अंदाज में संभाली। इसके अलावा 2020 आईपीएल में खराब प्रदर्शन भी एक कारण रहा और फिर रिषभ पंत को अपनी फिटनेस के कारण भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
पंत के पास खुद को साबित करने का एकमात्र मौका था ऑस्ट्रेलिया दौरा। इस दौरे के लिए रिषभ पंत का चयन टेस्ट टीम में हुआ, लेकिन दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के विकल्प के रूप में। पहले टेस्ट में युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को मौका नहीं मिला। फिर जब मौका मिला तो पंत ने इसे दोनों हाथों से लपका और अब देश के हीरो बनकर लौटे हैं। 23 साल के पंत ने तीन मैचों में दो अर्धशतकों की मदद से 274 रन बनाए और भारत को गाबा में जीत दिलाने में नाबाद 89 रन की उम्दा पारी खेली। भारत ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी टेस्ट सीरीज जीत दर्ज करते हुए इतिहास रचा।
हर दिन महसूस की वो आग: पंत
अब पंत के लिए लहर बदल गई है। वह राष्ट्रीय हीरो बन गए हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने संघर्षभरे दिनों को याद किया। स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत करते हुए रिषभ पंत ने कहा, 'मैंने हर दिन वो आग महसूस की। यह खेल का हिस्सा है। मगर व्यक्तिगत रूप से आपको अपने ऊपर विश्वास रखना होता है। मैं भाग्यशाली हूं कि कुछ लोग मुझे कहते हैं कि खुद में विश्वास रखो और कड़ी मेहनत करो।'
पंत ने अपनी वापसी के बारे में बात करते हुए कहा, 'अगर आप आगे बढ़ रहे हो तो सुधार कर रहे हो। यह मैंने मुश्किल भरे चरण में सीखा। अपने खेल पर इतना ध्यान दो कि आपको और किसी चीज पर ध्यान ही नहीं देना पड़े। सोशल मीडिया के कारण बाहर से आ रही आवाजों को रोकना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने खुद को इससे अलग रखा। जब आप अच्छा करते हो तो लोग आपके बारे में अच्छा लिखते हैं, लेकिन जब अच्छा प्रदर्शन नहीं करते तो वो आपकी आलोचना करते हैं। यह क्रिकेटर की जिंदगी की खेल का हिस्सा है। इसलिए आप आलोचनाओं पर ध्यान नहीं देकर अपने क्रिकेट पर ध्यान लगाएं वो ज्यादा बेहतर है।
पंत का अब पूरा ध्यान इंग्लैंड के खिलाफ आगामी घरेलू टेस्ट सीरीज पर लगा है, जहां वो ऑस्ट्रेलिया दौरे की लय को बरकरार रखना चाहेंगे। भारत की घर में कोविड-19 महामारी के बाद यह पहली टेस्ट सीरीज होगी। भारत और इंग्लैंड के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच 5 फरवरी से चेन्नई में शुरू होगा। टेस्ट सीरीज के बाद दोनों टीमों के बीच पांच मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज और तीन वनडे खेले जाएंगे।