- रिषभ पंत ने खुलासा किया कि सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में बल्लेबाजी से पहले दो इंजेक्शंस और सीडेटिव लिए
- रिषभ पंत को पहली पारी में कोहनी पर गंभीर चोट लगी थी, लेकिन वह फ्रैक्चर से बच गए थे
- बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 97 रन की उम्दा पारी खेलकर भारत को रोमांचक मुकाबले में ड्रॉ की स्थिति में पहुंचाया था
नई दिल्ली: टीम इंडिया की ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऐतिहासिक सीरीज जीत में युवा विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत ने अहम भूमिका निभाई थी। पंत ने गाबा में खेले गए निर्णायक टेस्ट में नाबाद 89 रन की शानदार पारी खेली और भारत को सीरीज में 2-1 की जीत दिलाई। ब्रिस्बेन में मैच विजयी प्रयास से पहले पंत ने सिडनी में खेले गए तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 97 रन की उम्दा पारी खेली थी, जहां उन्होंने टीम की जीत की आस भी जगाई थी।
टीम इंडिया को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में 407 रन के लक्ष्य का पीछा करना था। टीम इंडिया एक समय 36 ओवर में तीन विकेट खोकर 102 रन बनाए थे क्योंकि रोहित शर्मा, शुभमन गिल और कप्तान अजिंक्य रहाणे पवेलियन लौट चुके थे। पंत ने फिर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और 118 गेंदों में 12 चौके व तीन छक्के की मदद से 97 रन बनाए। पंत को पहली पारी में कोहनी पर चोट भी लगी थी।
बाएं हाथ के बल्लेबाज को पैट कमिंस की बाउंसर पर चोट लगी थी। पंत ने फिर विकेटकीपिंग नहीं की थी और अब उन्होंने खुलासा किया कि दूसरी पारी में बल्लेबाजी से पहले उन्होंने सीडेटिव (शामक औषधी) व दर्द निवाकर इंजेक्शंस लिए थे। जहां पंत की पारी ने करोड़ो भारतीय फैंस की नजरों में जीत की उम्मीद जगाई थी, पंत ने खुलासा किया कि उन्हें एहसास हुआ कि अगर थोड़ी ज्यादा देर बल्लेबाजी कर लेते को सिडनी टेस्ट जीत जाते। पंत की आतिशि पारी के बाद रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने कड़ी मेहनत करके मैच ड्रॉ कराया था।
हम जीत जाते सिडनी टेस्ट: पंत
पंत के हवाले से टाइम्स ऑफ इंडिया ने कहा, 'जब सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन मैं 97 रन पर आउट हुआ, मुझे लगा कि अगर थोड़ी ज्यादा देर बल्लेबाजी करता तो मैच जीत जाता। यह मायने नहीं रखता कि बल्लेबाजी से पहले मैंने सीडेटिव और दो इंजेक्शंस लिए थे। मैं अपने जोन में था और मौकों को दूर नहीं जाने देना चाहता था। इसलिए मैंने सुनिश्चित किया कि ब्रिस्बेन में अंत तक बल्लेबाजी करूं।'
भारतीय टीम को ब्रिस्बेन में 328 रन का लक्ष्य मिला था। शुभमन गिल (91) के बाद रिषभ पंत ने नाबाद 89 रन की पारी खेली और भारत को ऐतिहासिक सीरीज जीत दिलाई। टीम इंडिया ने गाबा में ऑस्ट्रेलिया के 32 साल का घमंड भी तोड़ा और अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की। पंत ने मैचों में 274 रन बनाए और वह भारत के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर रहे।