- कोरोना संकट के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी के बाद खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए नहीं कर सकेंगे लार का इस्तेमाल
- इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में हो सकेगा कोविड 19 सब्स्टीट्यूट का इस्तेमाल
- वॉर्नर ने उठाया सवाल लार का नहीं होगा उपयोग पसीने का कर सकेंगे इस्तेमाल
सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने आईसीसी द्वारा कोरोना संक्रमण के मद्देनजर गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध के निर्णय को मूर्खतापूर्ण करार दिया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कोरोना के बाद वापसी के बाद खिलाड़ियों को इस नियम का पालन करना होगा। हालांकि इस प्रतिबंध को फिलहाल अस्थाई तौर पर लगाया गया है लेकिन वॉर्नर को शंका है कि शायद ही इस नियम में आगे बदलाव हो।
दुनियाभर में कोविड 19 संक्रमण के फैलने के बाद आईसीसी ने खिलाड़ियों के लिए कई अस्थाई प्रतिबंधों की घोषणा की है। खिलाड़ियों को तब तक इन नए नियमों का पालन इस जानलेवा वायरस से मुक्ति मिलने या इसकी दवा विकसित होने तक करना होगा। हालांकि आईसीसी ने जो बदलाव किए हैं उसमें सबसे ज्यादा चर्चा गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध पर हुई। इस प्रतिबंध के बाद गेंदबाजों के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी। क्योंकि खेल की शुरुआत से ही गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
आईसीसी की क्रिकेट समिति ने क्यों की प्रतिबंध की सिफारिश
सीमित समय के लिए लगाए गए प्रतिबंध पर खिलाड़ियों की ओर से मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। अधिकांश खिलाड़ियों को मानना है कि ऐसा करने से खेल बल्लेबाजों के पक्ष और अधिक हो जाएगा। वॉर्नर भी ये नहीं समझ पा रहे हैं कि अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट कमिटी ने लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश क्योंकि खिलाड़ी पूरे मैच के दौरान गेंद के संपर्क में रहेंगे।
कहीं हमेशा के लिए न हो जाए ऐसा
वॉर्नर ने कहा, हम उस स्थिति में हैं जब ये सबके लिए नया है। यदि हम गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। हो सकता है भविष्य में फिर कभी लार के इस्तेमाल की अनुमति न मिले। क्योंकि ये हमेशा के लिए स्वास्थ्य संबंधी निर्देशों में शामिल हो जाएगा और एक खिलाड़ी के रूप में हम इससे बंधे होंगे और हमें इसका पालन करना होगा।'
मूर्खतापूर्ण है प्रतिबंध का निर्णय
उन्होंने अगे कहा, निश्चित तौर पर यह रोचक होने जा रहा है। हो सकता है कि विशेष तरह के बॉल शाइनर का इस्तेमाल होने लगेगा। मेरे दृष्टिकोण से यदि आप गेंद पर लार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं लेकिन उसे फेंक सकते हैं, कैच कर सकते हैं, दूसरे खिलाड़ी को दे सकते हैं। आपकी हथेलियों में अन्य जगहों से ज्यादा पसीना होता है। मैंने हेल्थ के विषय में शिक्षा हासिल नहीं की है लेकिन मुझे ये निर्णय बेवकूफी भरा लगता है कि आप लार का इस्तेमाल नहीं कर सकते लेकिन पसीने से तर हाथ लगा सकते हैं। ये अजीब है लेकिन आईसीसी किसी विशेष तरह के शाइनर के इस्तेमाल की अनुमति देता है तो उससे वायरस के फैलने की संभावना में कमी आएगी।
वॉर्नर ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कोविड सब्सटीट्यूट के नियम पर भी रोशनी डाली जिसका इस्तेमाल टीम किसी खिलाड़ी के अंदर कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर कर सकते हैं लेकिन ऐसा केवल टेस्ट क्रिकेट में हो सकेगा। वॉर्नर ने कहा, मैंने हाल ही में इस नियम के बारे में पढ़ा है। जो बातें वो कह रहे हैं आपको केवल उनका पालन करना है। वो अपनी ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।