- हार्दिक पांड्या का टी20 वर्ल्ड कप में चयन चर्चा का विषय बना हुआ है
- हार्दिक पांड्या ऑलराउंडर होने के बावजूद पिछले दो साल से विशेषज्ञ बल्लेबाज बनकर खेल रहे हैं
- रिपोर्ट के मुताबिक एमएस धोनी का हार्दिक को समर्थन प्राप्त था
नई दिल्ली: भारतीय टीम को टी20 वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में पाकिस्तान के हाथों 10 विकेट की शिकस्त झेलनी पड़ी। इसके बाद टीम संयोजन को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हुए हैं, जिसमें हार्दिक पांड्या की भूमिका शामिल है। जहां पिछले दो साल से कमर की सर्जरी के कारण हार्दिक पांड्या लगातार गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं, वहीं बल्ले से भी उनका प्रदर्शन फीका रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी मिली है कि बीसीसीआई आईपीएल के बाद हार्दिक पांड्या को घर भेजना चाहता था, लेकिन एमएस धोनी के कहने पर उन्हें रोका गया। एमएस धोनी ने हार्दिक पांड्या के फिनिशिंग शैली की तारीफ करते हुए उन्हें टीम का हिस्सा बनाने की बात कही थी। एमएस धोनी टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के मेंटर बने हुए हैं।
एक सूत्र के हवाले से टीओआई ने कहा, 'सच्चाई यह है कि चयनकर्ता हार्दिक को घर भेजना चाहते थे क्योंकि आईपीएल में उन्होंने गेंदबाजी नहीं की थी। मगर एमएस धोनी ने उनकी फिनिशिंग शैली की तारीफ की थी। हार्दिक पांड्या की फिटनेस पर पिछले छह महीने से रहस्य बना हुआ है। अब सामने आया कि उन्हें कंधे में भी चोट लगी। हार्दिक के कारण किसी फिट खिलाड़ी को मौका नहीं मिल रहा है। आप अनफिट खिलाड़ी के साथ खेल रहे हैं, जो टीम के उपयोग में भी नहीं आ रहा है। यह सही नहीं है। उनके कारण अन्य लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।'
कई लोग सलाह दे चुके हैं कि हार्दिक पांड्या की जगह शार्दुल ठाकुर को शामिल किया जाना चाहिए। इससे भारतीय टीम को निचले क्रम में एक बल्लेबाज तो मिलेगा ही, साथ ही साथ छठे गेंदबाज की चिंता भी समाप्त हो जाएगी।
पूर्व चयनकर्ताओं का क्या है विचार
हार्दिक पांड्या को टी20 वर्ल्ड कप के लिए स्क्वाड में शामिल करने की बात पर पूर्व चयनकर्ताओं के विचार अलग-अलग हैं। पूर्व भारतीय कप्तान और प्रमुख कोच रहे दिलीप वेंगसरकर का मानना है कि फैसला तब लेना चाहिए था जब फिजियो, टीम प्रबंधन कप्तान और सभी महत्वपूर्ण खिलाड़ी उनकी स्थिति का विश्लेषण करते। वेंगसरकर ने कहा, 'इस मामले में फैसला लेने वाले कप्तान, कोच, फिजियो और चयनकर्ता को पांड्या से संबंधित स्थिति का जायजा ले लेना चाहिए था।'
संदीप पाटिल को समझ नहीं आया कि हार्दिक को टीम में शामिल क्यों किया गया। उन्होंने कहा, 'उनका प्लेइंग 11 में चयन कोच और कप्तान पर निर्भर था। बीसीसीआई को ही इस बारे में पता था। मगर कोई खिलाड़ी अगर फिट नहीं तो बात चयनकर्ताओं पर आती है। अगर उसने पूरे आईपीएल में गेंदबाजी नहीं की, तो चयनकर्ताओं को फैसला लेना चाहिए था। उन्हें टीम में शामिल करने से पहले फिटनेस टेस्ट ले लेना चाहिए था।'