- पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी से जुड़ा दिलचस्प किस्सा
- भारतीय बल्लेबाज के बल्ले से अफरीदी ने जड़ा था अपना पहला शतक
- 37 गेंदों में शतक जड़कर बनाया था लाजवाब रिकॉर्ड
क्रिकेट में कई अनोखी घटनाएं होती रहती हैं और कुछ पुरानी बातें ऐसी भी होती हैं जो आगे की पीढ़ी तक मुश्किल से पहुंच पाती हैं। ऐसा ही एक किस्सा है पूर्व पाकिस्तानी ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी से जुड़ा। बेशक काफी क्रिकेट प्रेमी उनके इस किस्से से वाकिफ होंगे लेकिन कई युवा फैंस ऐसे भी होंगे जिनको शायद इस किस्से के बारे में ना पता हो। ये किस्सा है अफरीदी के पहले शतक से जुड़ा। एक ऐसा शतक जिसने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया था।
साल 1996 में जब शाहिद अफरीदी पाकस्तान-ए टीम के लिए खेल रहे थे, तभी श्रीलंका के खिलाफ खेल रही पाकिस्तानी सीनियर टीम के अहम खिलाड़ी मुश्ताक अहमद चोटिल हो गए थे। तब नैरोबी में खेले गए वनडे मुकाबले में शाहिद अफरीदी को खेलने का अवसर दिया गया। उनको नंबर.3 पर उतारा गया और इस खिलाड़ी ने एक ही पारी में सबको दंग कर दिया था।
सबसे तेज शतक
उस मैच में पाकिस्तानी टीम ने 60 रन पर अपना पहला विकेट गंवाया तो अफरीदी पिच पर उतरे। अपना पहला मैच खेल रहे अफरीदी ने 11 छक्के और 6 चौकों के दम पर 37 गेंदों में वनडे क्रिकेट का सबसे तेज शतक जड़ डाला। उन्होंने उस मैच में 40 गेंदों पर 104 रनों की पारी खेली और उनके उस सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड 18 साल तक कायम रहा लेकिन 2014 में न्यूजीलैंड के कोरी एंडरसन ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 36 गेंदों पर शतक जड़कर उनके रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा। जबकि उसके अगले साल दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 31 गेंदों पर शतक जड़कर सबके रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए।
इस भारतीय के बल्ले से खेले थे अफरीदी
जिस मैच से अफरीदी ने करियर का आगाज किया था, उसी सीरीज में पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी अजहर महमूद ने भी डेब्यू किया था। अजहर महमूद ने अपने एक इंटरव्यू में उस मैच और अफरीदी की पारी से जुड़ी चर्चा करते हुए कहा था कि जिस बल्ले से अफरीदी ने धूम मचाई थी, वो बल्ला महान सचिन तेंदुलकर का था।
महमूद ने कहा, ''अगले दिन जब हम श्रीलंका के खिलाफ खेलने उतरे तो बताया गया कि वो (अफरीदी) नंबर.3 पर बैटिंग करने उतरेगा। वकार यूनिस को सचिन तेंदुलकर ने अपना बल्ला तोहफे में दिया था और शाहिद अफरीदी ने उसी बल्ले से खेलते हुए अपना ताबड़तोड़ शतक जड़ा और वो एक बल्लेबाज के रूप में स्थापित हो गया। वैसे तो वो टीम में एक स्पिनर ऑलराउंडर के रूप में आया था लेकिन बाद में खासतौर पर बल्लेबाजी के लिए मशहूर हुआ और एक शानदार करियर को अंजाम दिया।''
गौरतलब है कि अफरीदी ने उसके बाद लंबे समय तक क्रिकेट खेला और बाद में वो कई बार महान सचिन तेंदुलकर के खिलाफ भी खेलते नजर आए। बेशक आज भी अफरीदी भूले नहीं होंगे कि जिस बल्ले से उनकी किस्मत चमकी वो एक भारतीय का बैट था।