- शेल्डन जैक्सन ने उम्र को लेकर बीसीसीआई चयनकर्ताओं पर निकाली भड़ास
- हाल ही में जयदेव उनादकट के सेलेक्शन नहीं होने पर खबर आई थी
- 34 साल के जैक्सन को राष्ट्रीय टीम में मौका नहीं मिला
नई दिल्ली: शेल्डन जैक्सन उन क्लब का हिस्सा हैं, जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में रनों की बरसात की, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर पर्याप्त मौका नहीं मिला। जैक्सन ने आखिरी बार सौराष्ट्र के लिए मैच खेला था और पिछले दो रणजी ट्रॉफी सीजन में 800 से ज्यादा रन बनाए। उनकी पारियों की बदौलत सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी का पहली बार 2019-20 में खिताब भी जीता था। पिछले कुछ सालों में लगातार रनों का अंबार लगाने के बावजूद शेल्डन जैक्सन को कभी भारतीय टीम में मौका नहीं मिला।
34 साल के जैक्सन को ए टीम के साथ दौरों पर भी मौका नहीं मिला जबकि इसमें चयन का मापदंड घरेलू प्रदर्शन पर आधारित है। जैक्सन सौराष्ट्र के पहले खिलाड़ी नहीं, जिसकी अनदेखी हुई। जयदेव उनादकट को भी उम्र के कारण चयनकर्ताओं की अनदेखी सहनी पड़ी। इस बारे में बातचीत करते हुए न्यूज 18 को दिए इंटरव्यू में जैक्सन ने चयनकताओं पर भड़ास निकाली है, जो लगातार 30 से ज्यादा उम्र वाले खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
शेल्डन जैक्सन ने कहा, 'मैं 34 साल का हूं। अगर मैं 22-23 साल के खिलाड़ी से बेहतर प्रदर्शन करता हूं तो खेल में ऐसा कानून कहां लिखा है कि आप राष्ट्रीय टीम में चुने जाने के योग्य नहीं है? वो कौन लोग हैं जो आपको जज करते हैं और किस क्षमता पर आपको जज करते हैं? रणजी स्कोर द्वारा? फिटनेस? अगर आप दो-तीन सीजन में लगातार 800 से ज्यादा रन बना रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपको फिट रहना पड़ेगा। वरना आप क्रीज पर इतना कैसे टिकेंगे।'
जैक्सन ने आगे कहा, 'तो आपका जजमेंट कैसे होगा? कई बार मैंने सुना कि वो 30 पार हो गया है। ऐसा कहां लिखा है कि आपको चुना नहीं जा सकता? कौन है ये लोग जो आपको आपसे ही दूर ले जा रहे हैं?'
घरेलू खिलाड़ियों पर नहीं दिया जा रहा ध्यान: जैक्सन
शेल्डन जैक्सन ने ज्यादा ध्यान आकर्षित करने के लिए अपना ध्यान पुडुचेरी की तरफ किया है। सिर्फ रणजी ही नहीं बल्कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए भी। 34 साल के बल्लेबाज ने शानदार प्रदर्शन दिखाया और पांच मैचों में 155.12 के स्ट्राइक रेट से 242 रन बनाए। शानदार रन बनाने के कारण जैक्सन को आईपीएल अनुबंध मिला था। केकेआर ने 2017 नीलामी में जैक्सन को खरीदा था।
शेल्डन जैक्सन इस बात से खुश नहीं है कि घरेलू खिलाड़ियों को अपनी शैली दिखाने के लिए उम्र की पाबंदी झेलनी पड़े। उन्होंने साथ ही कहा कि कोविड-19 स्थिति ने कई क्रिकेटर्स को बिलकुल असहाय बना दिया है और अपने परिवार का समर्थन करने के लिए उनके पास कमाई का एकमात्र जरिया यही है।