- आईपीएल 2022 की नीलामी के बाद सनराइजर्स हैदराबाद के सहायक कोच साइमन कैटिच ने इस्तीफा दे दिया है
- कैटिच नीलामी में योजना के अनुरूप खिलाड़ियों की खरीदारी नहीं किए जाने से थे नाखुश
- कई खिलाड़ियों को महंगे दामों पर खरीदे जाने का कैटिच ने किया विरोध
नई दिल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग की सनराइजर्स हैदराबाद टीम एक बार फिर गलत कारणों से सुर्खियों में आ गई जब नीलामी में महंगे दामों पर कुछ खिलाड़ियों को खरीदने से खफा सहायक कोच और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज साइमन कैटिच ने इस्तीफा दे दिया।
कैटिच, वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा और भारत के पूर्व बल्लेबाज हेमांग बदानी को सनराइजर्स के सहयोगी स्टाफ में जोड़ा गया था जिसमें मुख्य कोच टॉम मूडी और मुथैया मुरलीधरन भी हैं।कैटिच ने नीलामी के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया।
काव्या मारन की अगुवाई वाले सनराइजर्स प्रबंधन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है लेकिन समझा जाता है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। मशहूर कोच साइमन हेलमोट की वापसी हुई है जो पहले भी टीम के साथ काम कर चुके हैं।
पूर्व निर्धारित रणनीति का नहीं किया हैदराबाद की टीम ने पालन
‘द ऑस्ट्रेलियन’ की रिपोर्ट के अनुसार कैटिच ने इस्तीफा इसलिये दिया क्योंकि दो दिवसीय नीलामी में पूर्व निर्धारित रणनीति का पालन नहीं किया गया। सनराइजर्स ने निकोलस पूरन (10.75 करोड़ रुपये), वॉशिंगटन सुंदर (8.75 करोड़) और राहुल त्रिपाठी (8.50 करोड़) को महंगे दामों में खरीदा। बायें हाथ के स्पिन हरफनमौला अभिषेक शर्मा को पौने सात करोड़ रूपये में खरीदा गया। उसने लीग के चार सत्रों में अभी तक कोई कमाल नहीं किया है जबकि पूरन भी पिछले साल यूएई में आईपीएल में फ्लॉप रहे थे।
सनराइजर्स के रिटेंशन पर भी उठे थे सवाल
सनराइजर्स ने तीन खिलाड़ियों को बरकरार रखा जिस पर भी सवाल उठे। उसके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी अफगानिस्तान के स्पिनर राशिद खान ने टीम को छोड़ने का फैसला किया जबकि न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को कोहनी की चोट के बावजूद रिटेन किया गया। कश्मीर के तेज गेंदबाज उरमान मलिक और हरफनमौला अब्दुल समाद को भी रिटेन किया गया।
रोमारियो शेफर्ड पर क्यों लगाई बोली?
रोमारियो शेफर्ड को शायद कोई खरीदता भी नहीं लेकिन टीम ने उसे पौने आठ करोड़ रुपये में खरीदा। पिछले साल डेविड वॉर्नर से कप्तानी छिनने के कारण सनराइजर्स प्रबंधन सुर्खियों में था। इसके साथ ही यूएई में उन्हें अंतिम एकादश में भी नहीं रखा गया और 2016 में टीम को खिताब दिलाने वाले कप्तान को डगआउट में बैठने की अनुमति भी नहीं दी गई।