- श्रीलंका के तेज गेंदबाज धम्मिका प्रसाद ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया
- टीम इंडिया के खिलाफ धम्मिका प्रसाद ने टेस्ट डेब्यू किया था
- धम्मिका प्रसाद ने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 2015 में खेला था
कोलंबो: श्रीलंका के तेज गेंदबाज धम्मिका प्रसाद ने गुरुवार को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। 37 साल के तेज गेंदबाज ने 25 टेस्ट, 24 वनडे और एक टी20 इंटरनेशनल मैच में श्रीलंका का प्रतिनिधित्व किया। याद दिला दें कि धम्मिका प्रसाद ने 2006 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में अपने इंटरनेशनल क्रिकेट का डेब्यू किया था। दो साल बाद यानी 2008 में टीम इंडिया के खिलाफ कोलंबो में प्रसाद ने टेस्ट डेब्यू किया। वहीं 2011 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने अपने करियर का एकमात्र टी20 इंटरनेशनल मैच खेला।
दाएं हाथ के तेज गेदबाज ने टेस्ट में 75 जबकि वनडे में 35 विकेट चटकाए। धम्मिका प्रसाद ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2015 में खेला था, जो उनकी निराशा का कारण भी रहा। छह साल से प्रसाद को मौका नहीं मिला और आखिरकार उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना ही लिया। 2015 में प्रसाद ने 41 टेस्ट विकेट लिए थे, जिसमें भारत के खिलाफ तीन टेस्ट में 15 विकेट लेना शामिल है। वह साल के सर्वश्रेष्ठ 10 विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल थे।
कंधे की चोट ने बर्बाद किया करियर
धम्मिका प्रसाद के लिए कंधे की चोट सबसे बड़ी मुसीबत बन गई। उनके कंधे में गंभीर चोट लगी और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी। सर्जरी के बाद धम्मिका प्रसाद कभी अपनी लय दोबारा हासिल नहीं कर पाए। प्रसाद का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तब आया जब उन्होंने श्रीलंका को इंग्लैंड में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीतने में मदद की। 2014 हेडिंग्ले टेस्ट में दूसरी पारी में प्रसाद ने 90 रन देकर पांच विकेट लिए थे। श्रीलंका ने पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी।
बहरहाल, धम्मिका प्रसाद घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने सिर्फ इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बनाया है। प्रसाद घरेलू क्रिकेट में एसएससी के लिए खेलना जारी रखेंगे। तेज गेंदबाज एसएससी के लिए 2002 से खेल रहे हैं। उन्होंने 130 मैचों में 29.1 की औसत से 351 फर्स्ट क्लास विकेट चटकाए हैं। प्रसाद ने डेली न्यूज से बातचीत में कहा, 'मेरे ख्याल से यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का सही समय है ताकि युवाओं को मौका मिले। मैंने घरेलू क्रिकेट में खेल जारी रखने का मन बनाया है।'