नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर अपनी बेबाकी के लिए मशहूर हैं। वो समय-समय पर अपनी राय देते आए हैं, भले ही वो टीम इंडिया के पक्ष में ना हो। सुनील गावस्कर का ताजा बयान बेहद गंभीर है क्योंकि इस एक बयान से उन्होंने टीम इंडिया, बीसीसीआई, कप्तान और प्रबंधन..सभी पर आरोप लगा दिए हैं। सवाल विराट कोहली की छुट्टी से जुड़ा है।
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेट टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली एडिलेड टेस्ट के बाद पितृत्व अवकाश पर स्वदेश रवाना हो गए हैं। वो अपनी संतान के जन्म के समय पत्नी अनुष्का शर्मा के पास रहना चाहते हैं जिसके लिए उन्होंने काफी पहले ही अवकाश की अर्जी डाली थी जो उसी समय मंजूर भी हुई थी।
अलग खिलाड़ी, अलग-अलग नियम
पूर्व महान भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर के मुताबिक टीम इंडिया में अलग-अलग खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग नियम हैं और ये बात उन्हें पसंद नहीं आ रही है। दरअसल, गावस्कर ने सवाल उठाए हैं कि विराट कोहली को राष्ट्रीय टीम के अहम दौरे के समय पितृत्व अवकाश पर जाने की छूट मिली है, ऐसे ही युवा तेज गेंदबाज टी नटराजन को आईपीएल 2020 प्लेऑफ के दौरान यूएई से स्वदेश लौटने की छुट्टी क्यों नहीं मिली जब वो पिता बने थे।
नटराजन को यूएई से सीधे ऑस्ट्रेलिया रवाना कर दिया गया था जहां उन्हें नेट बॉलर के रूप में टीम इंडिया के साथ रहना था। हालांकि बाद में उन्हें वनडे और टी20 टीम में जगह दे दी गई थी और उन्होंने पहली बार देश की तरफ से खेलते हुए शानदार प्रदर्शन करके दिल भी जीता। लेकिन वो अपनी संतान के जन्म के समय अपनी पत्नी व परिवार के करीब नहीं रह सके। अब नटराजन अपनी संतान को जनवरी में ही देख सकेंगे जब भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरा समाप्त होगा।
गावस्कर का पूरा बयान
स्पोर्टस्टार में गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा, ''एक और खिलाड़ी जो कि नियमों के बारे में सोच रहा होगा लेकिन वो आवाज नहीं उठा सकेगा क्योंकि वो नया खिलाड़ी है। वो हैं टी नटराजन। बाएं हाथ के यॉर्कर स्पेशलिस्ट टी नटराजन ने टी20 सीरीज में शानदार डेब्यू किया और बाद में हार्दिक पांड्या ने अपने मैन ऑफ द सीरीज के अवॉर्ड को भी नटराजन को सौंप दिया था। नटराजन भी पहली बार पिता बने थे जब आईपीएल 2020 के प्लेऑफ मुकाबले चल रहे थे।''
सोचिए जरा..उसको नेट बॉलर बना दिया
गावस्कर ने आगे लिखा, ''उसे सीधे यूएई से ऑस्ट्रेलिया ले जाया गया और फिर वहां उसके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए उसे टेस्ट सीरीज के लिए भी रोक लिया गया, लेकिन टीम सदस्य के रूप में नहीं बल्कि एक नेट बॉलर के रूप में। सोचिए जरा। एक मैच विनर, बेशक दूसरे प्रारूप में सही, उसे नेट बॉलर बनने के लिए कह दिया गया। अब वो घर तभी लौटेगा जब जनवरी के तीसरे हफ्ते में सीरीज समाप्त होगी, वो तभी अपनी बेटी को पहली बार देख सकेगा। और दूसरी तरफ कप्तान हैं जो पहले टेस्ट के बाद ही वापस जा रहे हैं अपनी पहली संतान के जन्म के लिए। ये भारतीय क्रिकेट है।''