- चेन्नई की पिच की आलोचना करने वालों को सुनील गावस्कर ने जमकर लताड़ा
- सुनील गावस्कर ने कहा कि चेन्नई की पिच खराब नहीं है
- चेन्नई की पिच पर गजब की स्पिन मौजूद है, जिसका भारतीय गेंदबाजों ने जमकर फायदा उठाया
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने उन आलोचकों की बोलती बंद की, जिन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में जारी दूसरे टेस्ट में पिच के गुण पर सवाल खड़ा किया। पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन सहित कई पूर्व क्रिकेटरों ने चेपॉक की पिच पर सवाल खड़े किए, जिससे स्पिनरों को फायदा मिल रहा है। टीम इंडिया ने रोहित शर्मा (161), अजिंक्य रहाणे (67) और रिषभ पंत (58*) की उम्दा पारियों की बदौलत पहली पारी में 329 रन बनाए।
इसके जवाब में इंग्लिश बल्लेबाजों ने भारतीय स्पिनर्स के सामने सरेंडर कर दिया और मेहमान टीम पहली पारी में केवल 134 रन पर ऑलआउट हो गई। अश्विन ने भारतीय स्पिन आक्रमण की अगुवाई की और 29वीं बार एक पारी में पांच विकेट लेने का कमाल किया। चेन्नई पिच की शिकायत पर बात करते हुए गावस्कर ने कहा कि भारतीय पिचों पर हमेशा ही सवाल खडे़ किए जाते हैं जबकि इंग्लैंड में हमेशा ऐसी पिच तैयार की जाती है जो तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती है।
गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, 'हमने देखा कि रोहित शर्मा ने यहां 161 रन बनाए। वह गेंद के करीब आकर बल्लेबाजी कर रहे थे। पिच की आलोचना करना आम हो गया है। उनमें से कुछ लोग सवाल कर रहे हैं, लेकिन आप इंग्लैंड में तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच बनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया महज 46 रन पर सिमट गया था- गेंद पूरे दिन स्विंग कर रही थी। इस बारे में किसी ने बात नहीं की। हमेशा भारतीय पिचों के बारे में बातें करते हैं। जब गेंद टर्न होना शुरू होती है तो लोगों को आपत्ति होने लगती है।'
हमेशा शिकायत नहीं कर सकते: गावस्कर
गावस्कर ने कहा कि ऐसा नहीं कि पिच खेलने लायक नहीं बल्कि मुश्किल है। रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे और रिषभ पंत ने दर्शाया कि टर्न पर कैसे बल्लेबाजी करना है। गावस्कर ने साथ ही ध्यान दिलाया कि कैसे लोगों ने पहले टेस्ट की पिच पर सवाल उठाए थे, जिसने बल्लेबाजों की मदद की थी और मेहमान टीम ने 227 रन के विशाल अंतर से मैच जीता था। अब गेंदबाजों को मदद मिल रही है तो लोगों को शिकायत हो रही है।
पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, 'चेन्नई की पिच खराब नहीं है। यह चुनौतीपूर्ण पिच है। क्रिकेट में चुनौतियां होना जरूरी है। पहले टेस्ट में पहले दो दिन जब कुछ नहीं हो रहा था तो लोग बोल रहे थे कि बड़ा बोरिंग हो रहा है, कुछ हो नहीं रहा है। यहां बल्लेबाजी करना कितना आसान है। तो जो कहा गया, उसमें थोड़ा संतुलन होना जरूरी है। आप हमेशा शिकायत नहीं कर सकते हैं।'
बता दें कि टीम इंडिया ने पहली पारी के आधार पर 195 रन की विशाल बढ़त हासिल की थी। इसके बाद दूसरे दिन स्टंप्स तक टीम इंडिया ने 54/1 का स्कोर बनाकर अपनी बढ़त 249 रन तक पहुंचा दी थी। इंग्लैंड की टीम मौजूदा चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त पर है।