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सुप्रीम कोर्ट से बीसीसीआई को राहत, अब गांगुली और जय शाह अपने पद पर बने रह सकेंगे

Sourav Ganguly and Jay Shah
Updated Sep 14, 2022 | 17:25 IST

Supreme Court on BCCI, Sourav Ganguly, Jay Shah: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को अपने संविधान में संशोधन की छूट दे दी है। इसके तहत अब सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष और जय शाह बोर्ड सचिव कायम रह सकेंगे।

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Sourav Ganguly and Jay ShahSourav Ganguly and Jay Shah
तस्वीर साभार:&nbspPTI
Sourav Ganguly and Jay Shah
मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट का बीसीसीआई को लेकर फैसला
  • बोर्ड के संविधान में संशोधन की मंजूरी दी
  • अपने पद पर कायम रह सकेंगे गांगुली और जय शाह

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को राहत दी है। मंगलवार से बुधवार तक हुई इस सुनवाई के बाद ये तय किया गया कि बोर्ड अपने संविधान में संशोधन कर सकता है। जिसका मतलब हुआ कि अब बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह अपने-अपने पद पर बने रह सकेंगे और उनका कार्यकाल 6 साल तक का हो सकता है।

गौरतलब है कि 2019 में हुए बीसीसीआई चुनाव में जब पदाधिकारियों का चुनाव हुआ था, उसके ठीक बाद बोर्ड ने कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी और अब बोर्ड को इस मामले में राहत मिल गई है।

इससे पहले, मंगलवार को न्यायालय ने कहा था कि पदाधिकारियों के कार्यकाल के बीच कूलिंग ऑफ अवधि को समाप्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि ‘‘कूलिंग ऑफ अवधि का उद्देश्य यह है कि कोई निहित स्वार्थ नहीं होना चाहिए।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि वह बुधवार को सुनवाई जारी रखेगी और फिर आदेश पारित करेगी। बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, एक पदाधिकारी को राज्य संघ या बीसीसीआई या दोनों संयुक्त रूप से, के लगातार दो कार्यकालों के बीच तीन साल की कूलिंग ऑफ अवधि से गुजरना पड़ता है।

बीसीसीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा कि देश में क्रिकेट का खेल काफी व्यवस्थित है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई एक स्वायत्त संस्था है और सभी बदलावों पर क्रिकेट संस्था की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में विचार किया गया।

जब हलफनामा पेश किया जा रहा था तब पीठ ने कहा, ‘‘बीसीसीआई एक स्वायत्त निकाय है। हम इसके कामकाज का सूक्ष्म प्रबंधन नहीं कर सकते।’’ मेहता ने कहा, ‘‘वर्तमान संविधान में कूलिंग ऑफ अवधि का प्रावधान है। अगर मैं एक कार्यकाल के लिए राज्य क्रिकेट संघ और लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बीसीसीआई का पदाधिकारी हूं, तो मुझे कूलिंग ऑफ अवधि से गुजरना होगा।’’

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