भारत ने 1932 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना क्रिकेट इतिहास का पहला टेस्ट खेला, जो कई मायनों में खास था। टीम की कप्तानी से लेकर खिलाड़ियों का चयन तक, हर चीज की चर्चा अब भी होती है। हालांकि, कम ही लोग जानते हैं कि इस ऐतिहासिक टेस्ट में भारत की ओर सो दो भाई भी खेले, जिनके नाम सैयद नजीर अली और सैयद नजीर अली थे। आज यानी मंगलवार को नजीर का जन्मदिन है। 8 जुन, 1906 को जन्मे नजीर एक बेहतरीन ऑलराउंडर थे। हालांकि, नजीर भारत के डेब्यू टेस्ट में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। उन्होंने पहली पारी में 13 और दूसरी पारी में 6 रन बनाए।
बंटवारे के बाद चले गए थे पाकिस्तान
नजीर अली ने भारत की तरफ से सिर्फ दो टेस्ट मैच खेले। उन्होंने दूसरा टेस्ट 1934 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेला था। उन्होंने ससेक्स की ओर से भी दमखम दिखाया। नजीर ने अपने करियर में कुल 75 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें उन्होंने 30.17 के औसत से 3440 रन बनाए। साथ ही उन्होंने 158 अपनी झोली में डाले। वह भारत के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए थे। उन्होंने पाकिस्तान में कई फर्स्ट क्लास मैच खेले और फिर क्रिकेट प्रशासक बन गए। वह 1952 से 1968 तक टेस्ट सिलेक्टर रहे। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान बोर्ड में सचिव की जिम्मेदारी भी संभाली।
भतीजा पाकिस्तान के लिए खेलता दिखा
नजीर अली के बेटे आसिफ नजीर का क्रिकेट करियर महज एक फर्स्ट क्लास मैच तक ही सिमट गया। आसिफ ने 1969/70 में यह मैच खेला। वह एक गेंदबाज थे। वहीं, नजीर के भतीजे खालिद वजीर पाकिस्तान के लिए खेलते दिखे। उन्होंने 1954 में पाकिस्तान टीम के लिए दो टेस्ट मुकाबले खेले और केवल 14 रन बना सके। खालिद का बल्ला 18 फर्स्ट क्लास मैचों में भी खामोश रहा, जिनमें वह कुल 274 रन जुटा पाए।