- सुपर-12 राउंड में 14 में से 12 मैच लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने जीते
- टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का कर रहे हैं कप्तान फैसला
- ओस की वजह से दूसरी पारी में गेंदबाजों को हो रही है परेशानी, लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को हो रही आसानी
दुबई: भारत और न्यूजीलैंड के बीच रविवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाने वाले मुकाबले पर दोनों देशों के क्रिकेट प्रशंसकों की नजरें टिक गई हैं। ग्रुप 2 में दोनों टीमों ने पाकिस्तान के खिलाफ हार के साथ अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत की है। ऐसे में दोनों के लिए दूसरा ही मुकाबला सेमीफाइनल की रेस में बने रहने के लिए करो या मरो के मैच में तब्दील हो गया है।
टॉस से हो रहा है हार-जीत फैसला
टी20 वर्ल्ड कप 2021 में भाग लेने वाली 16 टीमों में दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज, धाकड़ बल्लेबाज और खतरनाक स्पिनर्स और तेजतर्रार फील्डर्स हैं लेकिन मौजूदा विश्व कप में टीमों के भाग्य का फैसला खिलाड़ियों से ज्यादा टॉस तय कर रहा है। टॉस के साथ ही यह तय हो जाता है कि कौन सी टीम मुकाबला जीतेगी।
लक्ष्य का पीछा करते हुए 14 में से जीते हैं 12 मैच
शनिवार तक टी20 वर्ल्ड कप के सुपर-12 के खेले गए 14 मैच में से 12 मैच में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने वाली टीम जीती हैं। स्कॉटलैंड के खिलाफ अफगानिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ वेस्टइंडीज की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए जीत हासिल करने में सफल हुई। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए केवल बांग्लादेश को हार का मुंह देखना पड़ा है। ऐसे में कप्तान टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का जोखिम उठाने से बच रहे हैं।
टॉस जीतकर कप्तान कर रहे हैं गेंदबाजी का फैसला
सभी टीमों का मानना है कि यूएई की पिचों पर टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करना और लक्ष्य का पीछा करना फायदेमंद है। शाम के वक्त खेले जाने वाले मैचों में ओस समीकरण बदल देती है। गीली गेंद को स्पिन करा पाना गेंदबाजों के लिए मुश्किल रहा है और पिच का मिजाज भी ओस पड़ते ही बदल जाता है। ऐसे में ये वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट के लिहाज से बिलकुल सही नहीं है कि टॉस टीमों के भविष्य का फैसला कर रहा है।