नई दिल्लीः मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम में दिलेरों की कमी नहीं है। टीम में सिर्फ शानदार बल्लेबाजी करने वाले नहीं बल्कि बल्लेबाजी के साथ-साथ जमकर संघर्ष करने वाले खिलाड़ी भी मौजूद हैं। जैसी स्थिति, वैसा अंदाज अपनाने वाले बल्लेबाजों में से एक ऐसा खिलाड़ी भी है जिसको ज्यादा लाइमलाइट तो नहीं मिली है लेकिन उनका खेल लाजवाब रहा है, खासतौर पर हाल के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर। ऐसे में आगामी भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को अपने इस खिलाड़ी की कमी खल सकती है।
यहां हम भारतीय क्रिकेट टीम के 27 वर्षीय बल्लेबाज और स्पिनर हनुमा विहारी की बात कर रहे हैं। उन्होंने हाल के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीन टेस्ट मैच खेले जिस दौरान इस बल्लेबाज ने एडिलेड में 16 और 8 रनों की पारियां खेलीं। मेलबर्न में 21 रनों की पारी खेली और फिर सिडनी में 4 और नाबाद 23 रनों की पारी खेली।
पारी छोटी लेकिन फिर भी तालियां बजती रहीं
हनुमा विहारी ने बेशक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कोई बड़ी पारी नहीं खेली लेकिन वो एक भरोसेमंद खिलाड़ी है और इसका प्रमाण उन्होंने सिडनी टेस्ट में दे दिया जब इस बल्लेबाज को एक चोट लगी तो दर्द में होने के बावजूद उन्होंने एक दर्द निवारक टैबलेट (पेन किलर) लेकर खेलने का फैसला किया। उसके बाद जब दर्द नहीं रुका तो उन्होंने चायकाल के दौरान एक इंजेक्शन भी लिया।
वो चाहते थे रिटायर्ड हर्ट हो सकते थे लेकिन ये तीसरा टेस्ट था और बेहद अहम मैच था, ऐसे में वो टीम को अंतिम दिन और अंतिम सत्र में मुश्किल में छोड़ना नहीं चाहते थे इसलिए वो खेलते रहे। पहली पारी में तो विहारी ने 38 गेंदों पर 4 रन बनाए लेकिन दूसरी व आखिरी पारी में इस खिलाड़ी ने जबरदस्त संघर्ष करते हुए 161 गेंदों में नाबाद 23 रनों की धीमी पारी खेली और अश्विन (39) के साथ मिलकर बिना विकेट गंवाए पवेलियन लौटे और मैच ड्रॉ करा दिया।
इंग्लैंड को इसलिए मिलेगी राहत
हनुमा विहारी घरेलू क्रिकेट में भारतीय पिचों का काफी क्रिकेट खेल चुके हैं और वो स्थिति के हिसाब से जान झोंकने वाले खिलाड़ी हैं लेकिन चोटिल होने की वजह से उनका नाम इंग्लैंड सीरीज के लिए नहीं चुना गया। अभी वो एनसीए में खुद को फिट करने में जुटे हुए हैं लेकिन उनका इस सीरीज में मैदान पर लौटना मुश्किल है। इस स्थिति में इंग्लिश टीम को राहत मिलेगी क्योंकि एक ऐसा खिलाड़ी बाहर रहेगा जो घरेलू मैदान पर उनके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है।
अभी तक ये तो साफ नहीं है कि हनुमा विहारी की बैटिंग पोजीशन पर भारतीय पिच पर कौन सा बल्लेबाज मोर्चा संभालेगा। विराट कोहली के सामने कई विकल्प होंगे लेकिन जो भी आएगा उसे विहारी जैसा जज्बा दिखाना होगा क्योंकि ये तय है कि इंग्लिश गेंदबाज भी रफ्तार और बाउंस से भारतीय खिलाड़ियों को चोट पहुंचाने वाली कम गेंदें नहीं फेंकेंगे।