- यूसुफ पठान ने पहली पारी में जड़ा था शतक और दूसरी में दोहरा शतक
- दूसरी पारी में अकले दम पर टीम को नाबाद रहकर दिलाई थी जीत
- विरोधी टीम ने इस पारी के दौरान पठान को दिए थे पांच जीवनदान
नई दिल्ली: यदि आपसे कहा जाए कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में चौथी पारी में सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड एक भारतीय टीम के नाम दर्ज है तो आपको यह जानकर आश्चर्य होगा। इसी मैच से जुड़ी एक और बात आपको बताई जाए कि ये जीत टी20 क्रिकेट में अपनी धाकड़ बल्लेबाजी के लिए जाने-जाने वाले ऑलराउंडर यूसुफ पठान ने धमाकेदार दोहरा शतक जड़कर दिलाई थी तो आपके मन में इस मैच के बारे में और जानकारी जानने की इच्छा जागेगी।
6 फरवरी 2010 को यूसुफ पठान ने रचा था इतिहास
ये मैच साल 2010 में 2 फरवरी से 6 फरवरी के बीच हैदराबाद में खेला गया था और दलीप ट्रॉफी का खिताबी मुकाबला था जिसमें वेस्ट जोन और साउथ जोन की टीमें आमने-सामने थीं। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी साउथ जोन ने पहली पारी में कप्तान दिनेश कार्तिक की शानदार 183 रन की पारी की बदौलत 400 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके बाद साउथ जोन ने शानदार गेंदबाजी करते हुए वेस्ट जोन की टीम को 251 रन पर ढेर कर दिया। लेकिन यूसुफ पठान 76 गेंद में 108 रन की धमाकेदार पारी खेलने में सफल रहे। इस पारी के दौरान उन्होंने 12 चौके और 5 छक्के जड़े।
पहली पारी में 149 रन से पिछड़ गया था वेस्ट जोन
पहली पारी में 149 रनों की बढ़त हासिल करने के बाद दोबारा बल्लेबाजी करने उतरी साउथ जोन की टीम ने कप्तान कार्तिक के लगातार दूसरे शतक(150) की बदौलत 9 विकेट 386 रन बनाकर घोषित कर दी। ऐसे में जीत के लिए चौथी पारी में वेस्ट जोन को 536 रन का लक्ष्य मिला।
दूसरी पारी में मिली शतकीय शुरुआत, बनीं जीत का आधार
जीत के लिए मिले विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्ट जोन की शुरुआत पहली पारी की तुलना में अच्छी रही। चिराग पाठक और हर्षद खादीवाल ने पहले विकेट के लिए 117 रन की साझेदारी की। इसके बाद दूसरे विकेट के लिए वसीम जाफर का साथ पाठक को मिला और दोनों ने मिलकर टीम को 200 रन के पार पहुंचा दिया। 224 के स्कोर पर पाठक 130 रन की पारी खेलकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद भाविक ठाकेर भी खाता खोले बगैर
आउट हो गए। ऐसे में वसीम जाफर का साथ देने पहली पारी में शतक जड़ने वाले यूसुफ पठान उतरे।
अनहोनी को होनी करने आए थे यूसुफ पठान
ऐसे में किसी ने सोचा नहीं था कि कोई करिश्मा होने वाला है लेकिन यूसुफ पठान तो कुछ और ही सोचकर मैदान में उतरे थे। उन्होंने एक सुर में साउथ जोन के गेंदबाजों की पिटाई करना शुरू की। ऐसे में वसीम जाफर 66 रन बनाने के बाद उनका साथ छोड़ गए। उसके बाद रवींद्र जडेजा भी उसी ओवर में 1 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। 294 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद वेस्ट जोन कहीं से भी जीत हासिल करता नहीं दिख रहा था।
आखिर तक डटे रहे पठान
ऐसे में पठान बंधुओं ने मोर्चा संभाला। एक छोर से इरफान विकेट थामे रहे और दूसरे छोर से यूसुफ ने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी जारी रखी। देखते देखते स्कोर 300 के पार चला गया और 378 के स्कोर पर इरफान का विकेट वेस्ट जोन ने गंवा दिया। लेकिन युसुफ के मन में जीत का जुनून बढ़ता चला जा कहा था। अंत में सीनियर पठान ने शतक के बाद दोहरा शतक जड़ा और पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर अपनी टीम के सिर पर जीत का सेहरा बंधवादिया। यूसुफ अंत में 190 गेंद में 210 रन बनाकर नाबाद रहे। उन्होंने अपनी इस पारी के दौरान 19 चौके और 10 छक्के जड़े।
10 साल से कायम है वेस्ट जोन का वर्ल्ड रिकॉर्ड
वेस्टजोन ने ये मैच 3 विकेट से अपने नाम किया लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सबसे बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। इससे पहले ये रिकॉर्ड श्रीलंकी की केंद्रीय प्रांत की टीम ने दक्षिण प्रांत के विरुद्ध 9 विकेट गंवाकर 513 रन के लक्ष्य को हासिल किया था। ये मैच साल 2003-04 में खेला गया था। लेकिन ये वर्ल्ड रिकॉर्ड 6 साल भी कायम नहीं रहा। यूसुफ पठान ने अकेले दम पर अपनी टीम को दुनियाभर में सबसे बड़ी जीत दिलाकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम हमेशा के लिए दर्ज करा लिया।