- आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल - भारत बनाम न्यूजीलैंड - 18 जून
- साउथैंप्टन में भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजों का अभ्यास जारी
- टीम इंडिया के तीन अनुभवी गेंदबाजों ने जाहिर किए अपने इरादे
विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम के गेंदबाजों का मानना है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में पहुंचना दो साल की कड़ी मेहनत और कभी हार नहीं मानने वाले जज्बे का नजीता है और टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ यहां 18 से 22 जून तक खेले जाने वाले मुकाबले के लिए अपना पूरा दमखम लगा देगी।
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बीसीसीआई डॉट टीवी (भारतीय क्रिकेट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट) से कहा कि न्यूजीलैंड की टीम इस मुकाबले से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैच खेलने से फायदे में रहेगी लेकिन भारतीय टीम को इस चुनौती से निपटने के लिए परिस्थितियों से सामांजस्य बैठाना होगा। तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा ने इसकी तुलना एकदिवसीय विश्व कप से करते हुए कहा कि टीम को 110 प्रतिशत देना होगा।
मेहनत का नतीजा और भावनात्मक सफर
अश्विन ने न्यूजीलैंड के इंग्लैंड दौरे पर कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि एक सुनियोजित और शानदार तैयारी के साथ न्यूजीलैंड टीम हमारे पास आएगी। उन्हें दो टेस्ट खेलने के बाद निश्चित रूप से फायदा हुआ है इसलिए हमें उसके अनुकूल होना होगा।’’
टीम में 100 टेस्ट मैचों का अनुभव रखने वाले इकलौते खिलाड़ी इशांत ने डब्ल्यूटीसी के लिए पिछले दो साल की यात्रा को भावनात्मक बताते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण बदली परिस्थितियों में टीम का यहां पहुंचना शानदार प्रयास का नतीजा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह काफी भावनात्मक यात्रा रही है, यह ऐसा आईसीसी टूर्नामेंट है जो 50 ओवर के विश्व कप फाइनल की तरह बड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विराट ने पहले भी कहा है कि यह एक महीने नहीं बल्कि लगातार दो साल की मेहनत का नतीजा है। कोविड-19 के कारण नियमों में बदलाव के बाद हम दबाव में थे हमें काफी कड़ी मेहनत करनी थी। इंग्लैंड के खिलाफ 3-1 (या 2-0) से जीतना था।
शमी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे में एडिलेड टेस्ट के बाद टीम ने अनुभवी गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में जैसा प्रदर्शन किया वह काबिल ए तारीफ हैं, उन्होंने कहा, ‘‘अब यह अपना 110 प्रतिशत देने के बारे में है। यह हमारे दो साल की कड़ी मेहनत के बाद आखिरी बार प्रयास करने की तरह है। यह जरूरी है कि हम इसमें दोहरा प्रयास करें।’’
ऑस्ट्रेलिया में जीत से टीम में विश्वास आया
शमी ने आगे कहा, ‘‘हमारे लिए सबसे अच्छा पल ऑस्ट्रेलिया में आया, सीनियर गेंदबाजों की गैरमौजूदगी में युवाओं ने शानदार प्रदर्शन किया। यह भी सीखने की प्रक्रिया है और इससे आत्मविश्वास मिला। उन्होंने एक मानक स्थापित किया।’’ इशांत भी शमी से सहमत दिखे। उन्होंने कहा, ‘‘उस दौरे के बाद टीम में यह विश्वास आया कि हम किसी भी परिस्थिति से वापसी कर सकते है। यह भारतीय क्रिकेट को अगले स्तर पर ले जाने वाला पल था। मैं उस श्रृंखला का हिस्सा नहीं था लेकिन उससे काफी आत्मविश्वास मिला।’’
न्यूट्रल वेन्यू (तटस्थ स्थल) से महत्व बढ़ा, मौसम होगा अहम
अश्विन ने कहा कि डब्ल्यूटीसी की अवधारणा से टेस्ट क्रिकेट का महत्व बढ़ा है और वह तटस्थ स्थल पर ज्यादा टेस्ट खेलना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘इतने वर्षों में हमने कभी तटस्थ स्थल पर टेस्ट नहीं खेला है। दोनों टीमों के लिए परिस्थितियां लगभग एक जैसी होगी।
शमी ने अश्विन के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि इंग्लैंड में मौसम की भूमिका काफी अहम होगी। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों टीमें विदेशी सरजमीं पर खेलेंगी, यह अच्छा मुकाबला होगा और किसी भी टीम को घरेलू माहौल का फायदा नहीं मिलेगा।’’
अश्विन ने कहा, ‘‘ जब आप इंग्लैंड की परिस्थितियों की बात करते है तो यह कहा जाता है कि ‘परिस्थितियां (मौसम) ही सबसे महत्वपूर्ण ’ है । कई बार मजाक में कहा जाता है कि इंग्लैंड में आपको मैदान ढकने की जगह बादल को ढकने के बारे में सोचना चाहिये।’’
इशांत ने कहा कि यहां अलग तरह से गेंदबाजी करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में गेंद जल्दी पुरानी होती है और रिवर्स स्विंग मिलता है लेकिन यहां गेंद को स्विंग करने के लिए आगे टप्पा करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी को गेंद की चमक को बरकरार रखने की जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर यह सही तरीके से हुआ तो तेज गेंदबाजों को मदद मिलेगी।’’